भोपाल: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य सरकार से मक्का और मूंगफली की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। सिंघार ने आरोप लगाया कि खुले बाजार में किसानों को उनकी उपज का आधा दाम भी नहीं मिल रहा है, जो सीधे तौर पर आदिवासी किसानों का शोषण है।

यह मांग विशेष रूप से प्रदेश के आदिवासी अंचलों के किसानों के लिए उठाई गई है, जहां मक्का और मूंगफली मुख्य फसलें हैं। सिंघार के अनुसार, सरकारी खरीद न होने से किसान बिचौलियों के हाथों अपनी मेहनत की कमाई लुटाने को मजबूर हैं।
मंडियों में MSP से आधे दाम
उमंग सिंघार ने अपने पत्र में कीमतों के भारी अंतर पर ध्यान दिलाया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, लेकिन मंडियों में किसानों से यही मक्का सिर्फ 1100 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदा जा रहा है। उन्होंने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह आदिवासी किसानों की कड़ी मेहनत का अपमान है।
आदिवासी किसानों की अनदेखी का आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी किसान बेहद कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में खेती करते हैं। उनके पास सिंचाई के सीमित साधन, कम उपजाऊ जमीन और बिजली की कमी जैसी चुनौतियां होती हैं। इसके बावजूद वे कड़ी मेहनत से फसल तैयार करते हैं।
“जैसे सरकार उपजाऊ क्षेत्रों में गेहूं और धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर करती है, वैसे ही आदिवासी अंचलों में मक्का और मूंगफली की भी खरीदी सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह उनके हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।” — उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष
सिंघार ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि गेहूं और धान उत्पादक किसानों की तरह मक्का और मूंगफली उगाने वाले किसानों को भी सरकारी संरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले पर तुरंत निर्णय लेकर MSP पर खरीद शुरू करने की मांग की, ताकि किसानों को हो रहे अन्याय से बचाया जा सके और उन्हें उनकी उपज का वाजिब हक मिले।





