बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत, ग्रामीणों ने कहा- कोदो की फसल जहरीली नहीं, उठ रहें कई सवाल, निष्पक्ष जांच की माँग 

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत की वजह कोदो की फसल को बताया जा रहा है। हालांकि ग्रामीणों ने इस बात से असहमति जताई है।

Manisha Kumari Pandey
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Bandhavgarh National Park

Bandhavgarh National Park: बांधवगढ़ नेशनल पार्क में एक के बाद एक 10 जंगली हाथियों की मौत हो गई। यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बांधवगढ़ के सलखनियां बीट में हुई हाथियों की मौत के मामले में कई टीमें जांच में जुटी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कोदो की फसल खाने से हाथियों की मौत हुई है। वहीं ग्रामीण इस बात से सहमत नहीं हैं। उन्होनें निष्पक्ष जांच की माँग की है।

शनिवार को राज्य वन मंत्री ने घटना स्थल सलखनियां बीट का दौरा किया है। बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने कोदो फसल खाकर हाथियों की मौत वाली बात से नकार दिया है। उनका कहना है कि जांच सही से नहीं हो रही है। क्योंकि विभाग द्वारा नष्ट कराई गई कोदो की फसल की उनके मवेशी पिछले दो दिनों से खा रहे हैं, जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

किसानों ने की निष्पक्ष जांच की मांग (Umaria News)

सलखनियां गाँव के एक किसान से कहा, “कोदो की फसल से कोई नुक्सान नहीं है और जिस फसल को मृत हाथियों ने खाया है और यह घटना हुई। उसी फसल को हमारे मवेशी  तीन दिनों से खा रहे हैं, जिन्हें कुछ नहीं होता। जांच टीम जो भी है वह सच्चाई से पर्दा उठाए।”  ग्रामीणों के इस बयान के बाद से जांच टीमों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं और अब ग्रामीण खुद यह चाह रहे हैं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वहीं इस मामले को लेकर राज्य वन मंत्री ने का कहना है की जांच की जा रही है। जो भी खुलासा सबके सामने आएगा।

ये है पूरा मामला (MP News)

बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मौत से उमरिया से लेकर भोपाल तक हड़कंप मचा हुआ है। मामले को लेकर अलग-अलग बात सामने आ रही है। कई सवाल भी उठ रहे हैं। दरअसल, 28 अक्टूबर की रात 13 हाथियों का झुंड किसानों की कोदो की फसल में घुस गया। उन्होनें फसल का सेवन किया। 29 अक्टूबर कई हाथियों की मौत हो गई। एक-एक कर आंकड़ा 10 तक पहुँच गया। हालांकि 3 हथोयों की हालत अभी ठीक है। राज्य वन मंत्री राम निवास रावत ने हाथियों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया था। साथ ही तत्काल प्रभाव SIT गठित करके जांच के निर्देश भी दिए थे।


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