इन दिनों लोग इंटरनेट की सेवा का जितना अधिक लुफ्त उठा रहे हैं, उतनी ही तेजी से साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। आए दिन लोग बैंकिंग फ्रॉड सहित अन्य साइबर थकी के शिकार हो रहे हैं। जिसे लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा आए दिन लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। इसी बीच मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से अच्छी खबर सामने आई है, जहां मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों से साइबर अपराधों के मामलों में गिरावट आई है।
पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने इसकी जानकारी प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दी। उन्होंने बताया कि जिले में प्रशासन द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। केवल इतना ही नहीं, साइबर पुलिस भी सतर्क रही। जिस कारण अपराधों पर लगाम लगाई गई है।

साइबर अपराधों में आई कमी
यह खबर जिले वासियों के लिए बहुत अच्छी है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर पुलिस और जागरूकता अभियान चलाई जाने के कारण साइबर अपराधों में कमी आई है। साथ ही ठगी के स्वीकार हुए लोगों को उनका पैसा भी वापस दिलवाया गया है। साल 2025 में कुल 58 शिकायतें साइबर सेल को प्राप्त हुई है, जिनमें से 202 खातों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। वहीं, चार लाख 4,89,600 रुपये होल्ड कराए गए। कोर्ट से आदेश प्राप्त कर बैंक अधिकारियों से विगत एक सप्ताह में 4 आवेदकों को 1,59,750 रुपये वापस कराए गए।
ठगी के तरीके विभिन्न
इन मामलों में ठगी के तरीके विभिन्न थे, जैसे APK फाइल डाउनलोड कराने, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर ठगी करना या खुद को रिश्तेदार बताकर धोखाधड़ी करना। इसी साल साइबर सेल ने 42,000 रुपये आवेदकों के खातों में वापस कराए थे।
हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कराएं दर्ज
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि साइबर ठगी का शिकार होने के बाद पहले एक घंटे को ‘गोल्डन ऑवर’ माना जाता है। इस दौरान यदि व्यक्ति तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करा दे, तो ठगी की गई राशि को रोकने और वापस दिलाने की संभावना अधिक होती है।
उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव