Umaria illegal liquor sale: शराब एक ऐसा विषय है जिसका विरोध तो बहुत होता है लेकिन सरकार के खजाने को भरने में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाले इस विभाग पर सरकार भी मेहरबान रहती है, शराब को शरीर के लिए हानिकारक बताने वाली चेतावनी छापकर और कड़े नियम बनाकर विभाग अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेता है फिर बड़े अफसर आँखें बंद कर बैठ जाते हैं, नतीजा ये होता है कि शराब दुकानें एटीएम की तरह 24 घंटे सेवा देती है, ये कोई कहानी नहीं है उमरिया जिले की हकीकत है।
ताजा मामला उमरिया जिले के मानपुर शराब दुकान का है जहां पर शराब की अवैध बिक्री को रोक पाने में आबकारी विभाग का अमला असफल साबित हो रहा है, विभाग और ठेकेदार की जुगलबंदी से सरकार के नियम भी पानी मांग रहे हैं। कुछ दिन पहले चंदिया स्थित शराब दुकान का वीडियो आया था जिसमें दुकान बंद होने के बाद शटर काटकर खिड़की से शराब बेची जा रही थी, इस मामले में आबकारी अधिकारी ने कोई एक्शन नहीं लिया और अब एक और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा, जिसमें दशहरा पर्व की रात को बंद शराब दुकान से शटर काटकर शराब बेची जा रही है।
खानापूर्ति करते हैं आबकारी अधिकारी
यह वीडियो मानपुर शराब दुकान का है जहां खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। आबकारी अधिकारी भी ऐसे मामलों को लेकर शांत बैठे हुए हैं। कुछ दिन पहले चंदिया शराब दुकान का जो मामला सामने आया था, जिसे बंद तो नहीं किया गया लेकिन खानापूर्ति करने के लिए अधिकारी ने यह कहकर अपना कोरम पूरा कर लिया कि हम जुर्माना कर देगें। अब समझ से परे यह बात है कि कानून को तोड़ते जाओ और जुर्माना साहब का भर दो।
साहब और ठेकेदार की जुगलबंदी की चर्चा जोरों पर
शहर में यह बात भी सामने आ रही है कि ठेकेदारों के माध्यम से एक मोटी रकम नजराने के तौर पर साहब की जेब भी में जा रही है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो नहीं पता लेकिन यह परम सत्य है कि बिना हवा चले पत्ते नहीं हिला करते। यह कहावत आबकारी अधिकारी पर सटीक ही बैठ रही है। बताया जाता है कि बंद कमरे में साहब और ठेकेदारों की जुगलबंदी की बातें अब गली गली में घूम रही है, लोग यह कहते नहीं थकते कि साहब का आशीर्वाद जब तक हमारे ऊपर है तब तक हर नियम कागजों तक सीमित हैं।
बहरहाल जो भी हो शराब माफिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण बेखौफ होकर इनके गुर्गे गली कूचों में शराब पहुंचाते हैं साथ ही अब शटर काटकर भी अवैध शराब बेची जाने लगी है, इस चलन पर जल्द ही रोक नहीं लगी तो वह दिन दूर नहीं जब पुलिस थाने क्राइम से भरे होंगे।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट