उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव। ब्रेकिंग बांधवगढ़ नेशनल पार्क में जीवित पैंगोलिन के साथ एक शिकारी को गिरफ्तार किया गया है। मामले में दो शिकारी भागने में कामयाब हो गए। इस पैंगोलिन को बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारी खुद खरीदार बनकर मौके पर पहुंचे थे।
विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क में तमाम कोशिशों के बाद भी शिकार पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है। पिछले 2 साल से लगातार शिकार के मामले सामने आए हैं जिसमें कभी टाइगर, कभी तेंदुए तो कभी अन्य जानवर का शिकार किया गया है। गुरूवार सुबह एक बार फिर मानपुर परिक्षेत्र के सेहरा ग्राम से जीवित पैंगोलिन के साख एक शिकारी को पकड़ा गया है। उसके दो अन्य साथी फरार हो गये हैं। पकड़े जाने के बाद शिकारी को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जिसे पुलिस अभिरक्षा मे लेकर जेल भेज दिया गया है। बाकी अपराधियों की तलाश जारी है। अभी कुछ ही दिन पहले मानपुर परिक्षेत्राधिकारी पवन ताम्रकार एवं उनकी टीम के द्वारा उमरिया जिले के ही हवाई पट्टी में जिंदा पैंगोलिन के साथ शिकारी पकड़े गए थे, और अब फिर ऐसा ही मामला सामने आया जिससे लग रहा है कि कोई शिकारी गिरोह लगातार यहां काम कर रहा है। गुरूवार को पकड़े गए पैंगोलिन मामले में वन रक्षक विक्रम सिंह ने जान जोखिम में डालकर चार गनमैन के बीच पैसा लेकर सौदा करने गये थे। इसमे मानपुर परिक्षेत्राधिकारी पवन ताम्रकार, सहायक परिक्षेत्राधिकारी कमलेश नंदा, वनरक्षक नरेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, भागवत तिवारी, अखिलेश तिवारी, रजीव रंजन वर्मा, रोशन लाल तिवारी इन सब की अहम भूमिका रही है। लेकिन सोचनीय विषय ये है कि आये दिन मानपुर परिक्षेत्राधिकारी सहित इनकी पूरी टीम ने कई केस में मुलजिमों को पकड़ा है, फिर भी इस तरह की वारदात जारी क्यों है।