“न करवा चौथ का व्रत रहो, न कोई भी उपवास रखो”, महिला ने खोल दी बैठक के नाम पर चल रहे धर्म परिवर्तन की पोल

मौके पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने देखा वहां एक बोरी में साड़ियाँ भरी हुई हैं जो उन महिलाओं को बांटी जानी थी। जबकि अभी प्रदेश सरकार के द्वारा रसोइयों के लिए कोई प्रॉपर ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है।

Atul Saxena
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Umaria News: उमरिया जिले के एक घर में हर रविवार को होने वाली रसोइया संघ की संदिग्ध बैठक की शिकायत हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने में की है, कार्यकर्ताओं का कहना है कि बैठक के नाम पर यहाँ इसी मिशनरीज के लोग आदिवासियों के साथ धर्म परिवर्तन का खेल खेल रहे हैं, शिकायत के बाद पुलिस ने मकान मालिक को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधि फिर मिली तो कड़ा एक्शन होगा

जानकारी के मुताबिक उमरिया जिला मुख्यालय से लगे हुए सिविल लाइन चौकी के पीछे एक मकान में हर रविवार रसोइया संघ की बैठक का आयोजन किया जाता है। उक्त बैठक में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की सूचना जैसे ही जिले के कुछ हिन्दू संगठनों को लगी मौके पर वहां जब लोग पहुंचे तो पता चला कि यहाँ रसोइया संघ की बैठक चल रही है।

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रसोइया संघ की बैठक धर्म परिवर्तन का प्रयास 

कुछ देर रुकने के बाद मामला संदिग्ध लगा तो हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बैठक में मौजूद एक महिला से बात की उसने  बताया कि हमे यहाँ होने वाली बैठक में बताया जाता है कि घर में, न घर के बाहर उत्सव करो,न करवा चौथ का व्रत रहो न कोई भी उपवास रखो। कहा जाता है कि हर समाज एक बन जाओ। बैठक में यह सब बातें जो बाहर से दो-तीन लोग आते हैं उनके द्वारा कही जाती है। किसी भी श्रमिक संघ की बैठक में इन बातों का होना बड़ा संदेह पैदा करता है।

संगठन के नाम पर महिलाओं से वसूली मोटी रकम 

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले की इन आदिवासी भोली-वाले महिलाओं को जिनके द्वारा एकत्र किया जाता है उनके द्वारा संगठन के नाम पर हर महिला से 3000 रुपये की वसूली भी की गई है और प्रॉपर ड्रेस कोड के लिए साड़ियों को बांटने के लिए उनसे हजार रुपए से लेकर के 1200 रुपये तक की वसूली की गई है।

महिलाओं को बाँटने बोरी में भरी थी साड़ियाँ 

मौके पर हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने देखा वहां एक बोरी में साड़ियाँ भरी हुई हैं जो उन महिलाओं को बांटी जानी थी। जबकि अभी प्रदेश सरकार के द्वारा रसोइयों के लिए कोई प्रॉपर ड्रेस कोड लागू नहीं किया गया है। ऐसे में जिले में संगठन के नाम पर खुलेआम यदि धर्म परिवर्तन का काला खेल खेला जा रहा है तो निश्चित रूप से यह अपराध की श्रेणी में आता है।

पुलिस ने दी एक्शन की चेतावनी 

मौके पर पहुँचें विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता संदीप वाधवा,पवन त्रिपाठी और अन्य कार्यकर्ताओं के द्वारा उक्त संघ की बैठक को लेकर की आपत्ति भी दर्ज की गई। हालांकि कोई लिखित शिकायत उनके द्वारा सिविल लाइन चौकी में नहीं दी गई है। इस मामले में सिविल लाइन चौकी प्रभारी बृजकिशोर गर्ग का कहना है कि हमें सूचना प्राप्त हुई थी कि बड़ी संख्या में महिलाओं का एकत्रीकरण उक्त स्थल पर हुआ है। इस मामले में ममता पाल जो की बैठक की संयोजक थी और मकान मालिक को बुलाकर समझाइश दी गई है कि इस तरह की किसी भी बड़ी बैठक के पहले कोतवाली में आकर के सूचना जरूर दें। अगर बिना सूचना के कोई बैठक की जाएगी तो आप लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाएगी।

उमरिया से बृजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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