बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की संदिग्ध मौत, पार्क प्रबंधन मौन

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उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के मानपुर बफर जोन क्षेत्र ( Manpura buffer zone ) अंतर्गत बड़खेरा बीट में एक युवा बाघ की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृत बाघ के शरीर से महत्वपूर्ण अवशेष गायब है। जिससे क्षेत्र में शिकारियों के भी सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का प्रबंधन मामले को छुपाने की कोशिश कर रहा है। सभी अधिकारियों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। जिसके चलते उनसे संपर्क नहीं पा रहा है।

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बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जनवरी 2021 में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया था। मानपुर के दमना बीट में एक बाघ शावक की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार बाघ शावक की मौत को पार्क प्रबंधन ने छिपा लिया था और चुपचाप बाघ का पीएम करावाकर उसके शव को जला दिया था। इसके अलावा अप्रैल 2021 में ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला वन परिक्षेत्र में 4 वर्षीय एक बाघिन की मौत हो गई थी। इस बाघिन को ‘भीतरी वाली बाघिन’ के नाम से जाना जाता था। वहीं अब युवा बाघ की मौत होने पर पार्क प्रबंधन की गतिविधियां संदिग्ध नजर आ रही है। इस मामले में पार्क प्रबंधन की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

2018 से 2021 तक 93 बाघों की मौत
मध्य प्रदेश में अवैध शिकार और दूसरी वजहों से बाघों की मौत में काफी बढ़ोतरी हुई है। हाल में मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह (Forest Minister Vijay Shah) ने जानकारी दी थी कि प्रदेश में एक जनवरी 2018 से एक जनवरी 2021 के बीच 93 बाघों की मौत हुई, जिसमें 25 की मौत का कारण अवैध शिकार (Illegal Hunting) था। मतलब यह कि तीन साल में करीब 27 फीसदी बाघों का शिकार हुआ।
प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) आलोक कुमार (Principal Chief Conservator of Forests Alok Kumar) के मुताबिक, बाघों की कुल मौतों में 90 फीसदी सामान्य है। 10 फीसदी ही अवैध शिकार के कारण मरे हैं, उसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी यह मानने को तैयार नहीं कि बाघों की मौत चिंता का विषय है। जहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन में एक और बाघ की मौत हो गई।

 


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Prashant Chourdia

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