बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से निकले बाघ ने 15 महीने के मासूम पर किया हमला, मां ने जबड़े से खींचकर बचाई बेटे की जान

उमरिया, डेस्क रिपोर्ट। यहाँ हम एक मां की बहादुरी की एक ऐसी घटना बताने जा रहे हैं जो लगती तो किसी फ़िल्मी कहानी जैसी है लेकिन है हकीकत। दरअसल एक मां अपने 15 महीने के मासूम को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई, उस मां ने ये भी नहीं सोचा कि कि बाघ उसपर भी हमला कर सकता है , उसे तो बच अपने जिगर के टुकड़े की फ़िक्र थी।  और उसने अपनी ममता की ताकत के बल पर अपने मासूम की जिंदगी बचा ली। बाघ के हमले (tiger attack) में मां और बेटा दोनों घायल हुए हैं जिनका इलाज जारी है।

ये पूरी घटना मध्य प्रदेश के प्रसिद्द बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) से सटे एक गांव की है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगा हुआ गांव है रोहनिया ज्वालामुखी। आज रविवार को करीब 12 बजे जब अर्चना चौधरी पत्नी भोला प्रसाद चौधरी अपने 15 महीने के लाल राजवीर के साथ खेत पर काम कर रही थी। बच्चा खेल रहा था तभी एक बाघ जंगल से निकलकर आया उसने मासूम का शिकार करने के लिए जबड़ा खोलकर हमला करने के इरादे से छलांग (tiger attacked innocent) लगाई।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....