Umaria News : प्रदेश में मनरेगा के कार्यों में जमकर धांधली की जा रही है और मजदूरों को मजदूरी न देकर फर्जी तरीके से मस्टरोल लगाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है। ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से आ रहा है जहाँ जनपद पंचायत मानपुर की ग्राम पंचायतो में विकास कार्यों में मनमाने तरीके से अनियमितता और बिना कार्य कराए ही अपने चहेतों को अनैतिक लाभ पहुंचाने की नियत से सरकारी खजाने में सेंध लगाई जा रही है। पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा हर काम में कमाई के चक्कर में कायदे कानून ताक पर रख रहे हैं। उन्हें न जांच की चिंता है, न अधिकारियों का डर है।
सचिव पर लगे फर्जीवाड़े के आरोप
बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत रक्सा के सचिव द्वारा प्रधानमंत्री जनमन आवास के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा हितग्राहियों से आवास के नाम पर जमकर अवैध वसूली की,मामले की शिकायत होने पर जब जनपद की टीम जब जांच करने पहुंची तो मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की गई। जनपद में बैठे जिम्मेदारो ने भी राजनैतिक दबाव का बहाना बनाकर मामले को दबा दिया,अब भ्रष्टाचार का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है।
बहू सरपंच और ससुर कर रहे सरपंची
सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जद्दोजहद कर रही है, लेकिन आलम ये है कि महिला सरपंच होने के बाद भी उनकी जगह उनके सगे संबंधी दखलंदाजी करते देते जा सकते हैं। बताया जाता है कि यही हाल ग्राम पंचायत रक्सा का है जहां सरपंच के हर कार्य को उनके ससुर कर रहे हैं। ग्राम पंचायत मे निर्माण कार्य से लेकर हितग्राही मूलक कार्यो में सचिव के साथ साथ इस फर्जीवाड़े में सरपंच भी पीछे नही है। सरपंच के सगे संबधी अतिथि शिक्षक को भी पंचायत में बाकायदा मजदूरी का भुगतान कराया गया है, इतना ही नही जल गंगा संवर्धन अभियान तालाब विस्तारीकरण गौतम तालाब के मस्टर रोल संख्या 27084 में भी फर्जीवाड़ा कर बिना कार्य के ही भुगतान करने का जुगाड़ लगाया जा रहा है।
सचिव पर पहले भी लग चुके हैं वित्तीय अनियमितता के आरोप
ग्राम पंचायत रक्सा की सचिव द्वारा किये जा रहे वित्तीय अनियमितता के आरोप कोई पहले नही है, बल्कि इससे पहले भी इन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लग चुके हैं, जिस पर निलंबन की कार्रवाई भी हुई, लेकिन जुगाड़ लगाकर फिर से इन्हें वित्तीय प्रभार दे दिया गया जिससे फिर से वही भ्रष्टाचार की डगर पर चलते हुए नए कारनामे दोहराये जा रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि आखिरकार कब जिम्मेदारों द्वारा अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करते हैं।
उमरिया से ब्रजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट