Holi Traditions : एमपी में मनाई जाती है होली की अनोखी परंपरा, इस प्रतियोगिता के बाद बकरे की देते है बलि

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Holi Traditions

Holi Traditions : होली रंगों का त्योहार है इसे अलग-अलग तरीके से अलग-अलग जगहों पर मनाया जाता है। होली से जुड़ी कई अनोखी परंपराएं भी है जिसे आज भी लोग मानते हैं। आज भी कई विद्वान है जो इन परंपराओं को मानते हैं। आज हम आपको होली से जुड़ी एक अनोखी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जो मध्य प्रदेश के खंडवा, बुरहानपुर, बेतूल, झाबुआ, अलीराजपुर और डिंडोरी में रहने वाले गोंड आदिवासी लोग मनाते हैं।

ये होली और रंगपंचमी के बाद मेघनाद को अपना इष्ट देव मानकर उनकी पूजा कर बकरे की बलि देते हैं। साथ ही प्रतिवर्ष रंग पंचमी से तेरस के बीच दो दिवसीय मेले का आयोजन भी किया जाता है। चलिए जानते हैं इस परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते है –

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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं। मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।