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Mon, Dec 8, 2025

रिश्तों की भूल भुलैया वाला MP का अनोखा गांव, जहां सभी लोग है एक-दूसरे का रिश्तेदार!

Written by:Sanjucta Pandit
मध्य प्रदेश के ये गांव अनोखा है, जहां लगभग सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं। 500 साल पुरानी परंपरा के तहत यहां शादियां गांवों के भीतर ही होती हैं और सभी लोग मिलजुलकर एकजुटता से रहते हैं।
रिश्तों की भूल भुलैया वाला MP का अनोखा गांव, जहां सभी लोग है एक-दूसरे का रिश्तेदार!

मध्य प्रदेश (MP) को भारत का दिल भी कहा जाता है, यहां आपको एक से बढ़कर एक घूमने फिरने वाले स्थान मिल जाएंगे। इसके अलावा, स्थानीय परंपरा, रीति-रिवाज, कलर आपको बेहद आकर्षित करेंगे। यहां के सभी शहर अपने आप में एक अलग ही पहचान रखते हैं, वहीं यहां के गांव भी अपनी संस्कृति बिखरने में पीछे नहीं हटते। यहां सभी धर्म के लोग एक दूसरे से मिलजुल कर रहते हैं, राजनीतिक पार्टियां भी यहां काफी सक्रिय हैं, हर क्षेत्र में यहां के युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और सफलता भी हासिल करते हैं।

इससे पहले हम आपको बहुत सारे शहर और गांव की खासियत से रूबरू करवा चुके हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे गांव के बारे में बताएंगे, जहां सभी लोग एक दूसरे के रिश्तेदार हैं।

MP का अनोखा गांव

जी हां, मध्य प्रदेश में एक ऐसा गांव स्थित है, जहां पर सभी लोग एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। यह परंपरा 500 सालों से चलती आ रही है, जिसे आज भी निभाया जाता है। यहां हर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति का कम से कम तीन रिश्ता जुड़ा हुआ है। रिश्तों की भूलभुलैया वाला यह गांव आज अनोखा बन चुका है, जिसकी चर्चा पूरे देश भर में फैल चुकी है, जिसके पीछे की वजह भी बहुत ही ज्यादा खास है।

खन्नाथ गांव (Khannath Village)

दरअसल, इस गांव का नाम खन्नाथ है, जो कि मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में स्थित है। मीडिया सूत्रों की मानें तो यहां की कुल आबादी 4000 से अधिक है, जहां 60% से अधिक पटेल समुदाय के लोग रहते हैं। इस कारणवश गांव को लोग पटेलों का गांव भी कहते हैं। खन्नाथ गांव के आसपास कुल आठ गांव हैं, जहां पटेल समुदाय की रिश्तेदारी है, जिनमें बोदरी, पिपरिया, केरहा, नौगांव, चौरड़ी, कंचनपुर, बंदी, नंदा शामिल हैं। आज भी यदि गांव के बाहर शादी होती है, तो इन्हीं गांव से बारात आती या जाती है। यह परंपरा आज भी लोग इस तरह निभा रहे हैं।

पार्टनर चुनने का अधिकार

ग्रामीणों का कहना है कि यहां लड़के-लड़कियों को अपने पसंद से पार्टनर चुनने का अधिकार दिया गया है, जिसकी जानकारी वह अपने परिजनों को देते हैं। इसके बाद उनकी शादी तय की जाती है। गांव में हर साल 4 से 5 शादियां होती हैं। यहां बिना दहेज के शादी होती है, तिलक में रस्म के तौर पर केवल 51 रुपए लिए जाते हैं। इसके अलावा, ग्रामीणों का ऐसा भी मानना है कि शादी गांव में ही करने से कई प्रकार के फायदे होते हैं, जैसे कोई भी त्यौहार हो, कार्यक्रम हो, संकट का समय हो, दुख हो या सुख हो… सभी एक दूसरे के साथ रहते हैं। वर और वधु दोनों ही पक्ष खेती या मजदूरी में एक दूसरे का हाथ बटाते हैं। आर्थिक तंगी आने पर भी वे एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं।

ऐसे बने रिश्तेदार

इस गांव के लड़के और लड़कियों की शादी एक दूसरे से ही हो रही है, इसी कारणवश पूरा गांव एक दूसरे का रिश्तेदार बन बैठा है। हालांकि, वर्तमान में स्थिति थोड़ी अलग है, जब शादियां बाहर भी होने लगी हैं, लेकिन उनकी संख्या ना के बराबर है। इस बारे में ग्रामीणों की मानें तो गांव में एक-दूसरे से होने वाली शादियों की संख्या 500 के पार जा चुकी है। जब गांव में शादी लगती है, तो इस दौरान एक अलग ही उत्सव और माहौल देखने को मिलता है। जब भी यहां कोई खास आयोजन किए जाते हैं, तो पूरे गांव के लिए पकवान बनाया जाता है। इस दौरान जो पूरी बनाई जाती है, उसे ट्रैक्टर की ट्रॉली में रखा जाता है। यहां इस दौरान सभी लोग एक दूसरे से मिलते-जुलते हैं, एक-दूसरे से अपना सुख-दुख बताते हैं। कोई पर्व हो, तो सभी एक दूसरे के घर भी जाते हैं। यहां लगभग हर घर में भागवत कथा का आयोजन किया जा चुका है। आए दिन गांव में किसी-न-किसी प्रकार के आयोजन आयोजित किए जाते हैं, जिसका मुख्य मकसद सभी को एक साथ जोड़कर रखना होता है। इसके अलावा, सभी लोग यहां पर धार्मिक हैं।

आप भी करें एक्सप्लोर

यदि आप भी किसी गांव को एक्सप्लोर करने का मन बना रहे हैं, तो आपको खन्ना गांव जरूर जाना चाहिए। यहां का नजारा और माहौल देखकर आपको काफी कुछ जानने का मौका मिलेगा। गांव की खूबसूरती देखने लायक है। सभी लोग एकजुटता के साथ रहते हैं, जो शायद ही शहर में कहीं भी देखने को मिल पाती है।