फ्रेंडशिप डे : कुछ इस तरह निभाया सात जन्म साथ रहने का वादा, आखरी सफर में भी नहीं छोड़ा हाथ

विदिशा, डेस्क रिपोर्ट। पति-पत्नी का एक अनोखा रिश्ता, अटूट प्रेम का यह रिश्ता दोस्तों जैसा, सात फेरो के साथ ही हमेशा साथ रहने की दोनों ने कसम खाई, दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर वादा किया कि रहेंगे साथ और अगर दोनों में से किसी एक को भी कुछ हुआ तो दुनिया से जायेगे भी साथ, जिंदगी के 85 बसंत देखने वाले इस दंपति ने एक दूसरे से किया अपना वायदा निभाया और जब तक रहे प्रेमियों और दोस्तों की तरह रहे, और जब एक की आँख बंद हुई तो दूसरे के भी प्राण निकल गए, फ्रेंडशिप डे पर पति पत्नी के अटूट प्यार की यह घटना हर सुनने और देखने वाले की आँखों को नम कर देगी।

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प्रेम के सशक्त बंधन की यह कहानी है विदिशा के नंदवाना निवासी राधाकिशन माहेश्वरी जी और कमला देवी माहेश्वरी जी की। पति पत्नी के अटूट रिश्ते के गवाह यह दम्पत्ति आज सुर्खियों में है, बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह तक कमला देवी जी बिल्कुल स्वस्थ थी लेकिन पास में बिस्तर पर लेटे राधाकिशन जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे पिछले कुछ दिनों से तो चलने-फिरने और सुनने-बोलने तक में असर्मथ हो गए थे इतने में भी कमला देवी की आवाज भर उनके लिए प्राण वायु का काम कर रही थी। कोविड हुआ कड़ाके की सर्दी निकली दो बार डॉक्टरों ने जवाब देकर घर भेज दिया लेकिन मानो उनकी सांसे कुछ वजह से बची हुईं थी दूसरी तरफ कमला देवी जी जो उम्र के इस पड़ाव में भी राधाकिशन जी की पूरी देखभाल करतीं। शनिवार सुबह कमला देवी जी ने स्नान के बाद राधाकिशन जी के समीप ही प्राण त्याग दिए लेकिन वे इस बात से अंजान थे उन्हें आभास तक नहीं था कि हुजूर..साहब..कहने वाली उनकी दोस्त जैसी पत्नी अब इस दुनिया में नही रही है। जिसने सुना आश्चर्य में पड़ गया कि काकाजी की तबियत खराब थी काकीजी तो अच्छी थीं उन्हें क्या हुआ….तब कुछ करीब के लोगों ने बताया कि ये कमलादेवी जी की पुण्याई का फल है वे सदैव हर पूजा में यही कामना करतीं कि इनके पहले मैं जाऊं मुझे सुहागन ही बुलाना प्रभु… सुहागन ही अनंत यात्रा पर निकल गई कमला देवी की पार्थिव देह घर में रखी हुई थी जिसका अंतिम संस्कार आज होना था और दूसरे कमरे में राधाकिशन जी की सांसे तो चल रही थी पर जैसे उन्हें सब मालूम था कि अब हुजूर साहब की आवाज नहीं आएगी…उन्हें दुनिया में सबसे ज्यादा प्रेम करने वाली उनकी दोस्त जैसी पत्नी अब इस दुनिया में नही है रात भी पूरी नहीं निकली और रविवार तड़के 4.30 बजे उन्होंने भी देह त्याग दी। दोनों एक दूसरे के साथ खूब जिये जी भर जिये और जब इस दुनिया से गए तो एक दूसरे को इसकी खबर तक नहीं लगी और 56 साल तक विवाह बंधन में रहे अब अनंत यात्रा पर भी एक साथ ही गए।


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Harpreet Kaur