भोपाल में एक बहुत ही ख़ास और प्रेरणादायक कार्यक्रम हुआ जिसमें संकल्प फ़ाउंडेशन ने परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जी.एल बत्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा के जानकार मेजर जनरल जी.डी बक्शी का सम्मान किया। यह कार्यक्रम न केवल एक एतिहासिक बलता बल्कि इसने सभी को देशभक्ति बलिदान के असली भावना से भी जोड़ा।
जी.एल बत्रा ने अपने बेटे कैप्टन विक्रम बत्रा को न केवल एक सैनिक बल्कि कर्तव्य और देश की परिभाषा भी दी। कैप्टन बत्रा ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपनी जान की आहूति दी और उनका नारा ‘दिल मांगे मोर’ आज भी देश के हर युवा के दिल में गूंजता है।

देशभक्ति और जज़्बे की मिसाल
मेजर जनरल जी डी बक्शी जो भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी रहे हैं उन्होंने जम्मू कश्मीर राइफल्स में अपनी सेवा के दौरान कारगिल युद्ध समेत कई अहम अभियानों में भाग लिया। सेना से रिटायर होने के बाद उन्होंने राष्ट्र सुरक्षा, सामरिक नीति और सैन्य इतिहास पर गहन विचार और चर्चा है। उनकी लेखनी और भाषणों में हमेशा बलिदान और भारतीय गौरव की गूंज सुनाई देती है।
भारतीय परंपरा के साथ वीरों का सम्मान
इस ख़ास अवसर पर संकल्प फ़ाउंडेशन के समन्वयक हरीचन्द्र अग्रवाल ने जी एल बत्रा और मेजर जनरल जी डी बक्शी को स्वामी विवेकानंद का चित्र और संकल्प स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। इस दौरान मुख्य अतिथि ओ पी गुप्ता और अभिषेक खरे मौजूद रहे। इस मौक़े पर शॉल, श्रीफल और चित्र भेंट करके भारतीय परंपरा के अनुसार दोनों महान विभूतियों का सम्मान किया गया।