Water Resources Day : पानी हमारे जीवन का आधार है। दुनियाभर में गहराते जलसंकट के बीच आज के समय में जल संचय का महत्व और बढ़ गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत में हर साल दस अप्रैल को जल संसाधन दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को जल के महत्व और उसके संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम पानी को उतना महत्व दे रहे हैं, जितना देना चाहिए ?
आज जल संसाधन दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी से पानी बचाने का आह्वान किया है। उन्होंने X पर लिखा है कि ‘आपः सुजिरा अमृतः सुवर्चाः शंभू मयोभूः। जल केवल जीवन जीने का संसाधन नहीं, बल्कि संस्कार है। हर बूँद में जीवन है, हर स्रोत में भविष्य छिपा है। आइए, जल संसाधन दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि इस अमृतरूपी जल का संरक्षण करेंगे और भावी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बनाएँगे।’

जल नहीं तो कल नहीं
हवा के बाद जीवन के लिए पानी सबसे आवश्यक है। पानी के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हम इसे पीने, खाना बनाने, खेती करने और साफ-सफाई के लिए इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आज हालात ये हैं कि नदियां सूख रही हैं, भूजल का स्तर नीचे जा रहा है और प्रदूषण ने बचे हुए पानी को भी गंदा कर दिया है। ऐसे में पानी बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। छोटे-छोटे कदम जैसे नहाते वक्त कम पानी इस्तेमाल करना, टपकते नल को ठीक करना और बारिश के पानी को जमा करना, बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अगर हम आज नहीं चेते, तो कल हमारे पास पछताने के अलावा कुछ नहीं बचेगा।
जल संसाधन दिवस का महत्व
जल संसाधन दिवस हमें पानी की अहमियत और उसे बचाने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करता है। धरती पर 97% पानी खारा (समुद्री) है जो पीने लायक नहीं। सिर्फ 3% पानी मीठा है और उसमें से भी बहुत थोड़ा ही आसानी से इस्तेमाल हो सकता है। भारत के कई हिस्सों में गर्मियों में पीने के पानी की भारी कमी हो जाती है। भूजल तेजी से नीचे जा रहा है। जल संसाधन वे प्राकृतिक और कृत्रिम स्रोत होते हैं जिनसे हमें पानी मिलता है। इनमें नदियां, झीलें, झरने, भूजल, बारिश, ग्लेशियर जैसे प्राकृतिक स्रोत और तालाब, नहर, बांध जैसे मानव-निर्मित स्रोत शामिल हैं। भारत जैसे देश में, जहां खेती और रोजमर्रा की जिंदगी पानी पर टिकी है इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
पानी बचाना हम सबकी साझा जिम्मेदारी
पानी बचाना बेहद जरूरी है क्योंकि धरती पर उपलब्ध ताजे पानी की मात्रा बहुत सीमित है। धरती पर सिर्फ 3% पानी ही मीठा या पीने योग्य है और उसमें से भी एक बड़ा हिस्सा बर्फ के रूप में जमा है। आबादी बढ़ने और पानी के दुरुपयोग के कारण कई जगहों पर जल संकट गहराता जा रहा है। पानी की कमी न सिर्फ मानव जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि पेड़-पौधों और जानवरों के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन जाती है। पानी बचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिल सके। इसके लिए हमें रोजमर्रा की आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाने होंगे, जैसे नल को खुला न छोड़ना, बारिश के पानी को संचित करना, और जल उपयोग में सावधानी बरतना। जल संसाधन दिवस हमें याद दिलाता है कि पानी सिर्फ एक संसाधन नहीं..बल्कि जीवन की बुनियादी जरूरत है और इसे बचाना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।
आपः सुजिरा अमृतः सुवर्चाः शंभू मयोभूः।
जल केवल जीवन जीने का संसाधन नहीं, बल्कि संस्कार है। हर बूँद में जीवन है, हर स्रोत में भविष्य छिपा है।
आइए, जल संसाधन दिवस के अवसर पर संकल्प लें कि इस अमृतरूपी जल का संरक्षण करेंगे और भावी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बनाएँगे।… pic.twitter.com/Zf3Ip6h2SP
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 10, 2025