भ्रष्टाचार से विफल योजना नल जल! ग्रामीणों ने लगाया प्रशासन पर प्रभारी मंत्री को गलत जानकारी देने का आरोप, कहा 90% नल बंद

ग्रामीणों ने कहा क्योंकि नल जल योजना के अंतर्गत पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, इस वजह से ग्रामीण कुएं व अन्य स्रोतों से गंदा पानी पीने को मजबूर है। जिसके चलते पूरे गांव में बीमारी फैल रही है और कई लोग काल के गाल में भी समा रहे हैं।

उमरिया जिले के कोडार गांव में जल जीवन मिशन के तहत चल रही नल-जल योजना भ्रष्टाचार की चपेट में आती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने प्रभारी मंत्री नागर सिंह चौहान को इस योजना की गलत जानकारी दी है। वहीं ग्रामीणों के अनुसार, गांव के करीब 90% नल बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीण दूषित पानी पीने पर मजबूर हो गए हैं। इस कारण गांव में बीमारियों का प्रसार बढ़ गया है।

दरअसल उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा क्षेत्र के कोडार गांव में जल जीवन मिशन के तहत लागू की गई नल-जल योजना पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है। ग्रामीणों के अनुसार, योजना के तहत लगाए गए 90% नल बंद पड़े हैं और पानी की आपूर्ति ठप हो चुकी है। ग्रामीण मजबूरी में कुएं और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों से दूषित पानी पीने को विवश हैं, जिससे गांव में बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बच्चों और बुजुर्गों की हालत गंभीर होती जा रही है, और स्वास्थ्य की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही है।

ग्रामीणों का कहना अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत

वहीं उमरिया जिले के कोडार गांव के ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार और गुमराह करने का गंभीर आरोप भी लगाया है। दरअसल उनका कहना है कि जल निगम के अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से नल-जल योजना का सही ढंग से संचालन नहीं हो रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, प्रभारी मंत्री नागर सिंह चौहान को गलत जानकारी देकर गुमराह किया गया है। उन्हें बताया गया कि जिले की 113 योजनाएं सुचारू रूप से काम कर रही हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि अधिकांश योजनाएं ठप हैं, और गांवों में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है।

गंदा पानी पीने पर मजबूर ग्रामीण

वहीं कोडार गांव के निवासी इस समय गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं। दरअसल नल जल योजना के तहत पानी की आपूर्ति ठप रहने के कारण उन्हें कुएं और अन्य प्राकृतिक स्रोतों से गंदा पानी पीना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस दूषित पानी में कीड़े-मकोड़े होते हैं, जिससे उनके बच्चे बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और पूरे गांव में बीमारी का प्रकोप फैल रहा है। पंचायत के पास योजना हैंडओवर हो जाने के बावजूद पानी की सप्लाई का कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई है।

दरअसल उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री नागर सिंह चौहान ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैंने यहां आकर नल जल योजना की समीक्षा की है और जल निगम की स्थिति को समझने के लिए यह दौरा किया है। मुझे बताया गया था कि जिले में 113 योजनाएं सक्रिय रूप से चल रही हैं। मैं खुद इन योजनाओं को देखने आया हूँ ताकि वास्तविकता का पता चल सके।”

बृजेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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