महाराष्ट्र (Maharashtra) में निकाय चुनाव (Municipal Elections) का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य चुनाव आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीख का ऐलान कर दिया है। राज्य चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र में 246 नगर पालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को वोटिंग होगी।
चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने कहा कि महानगरपालिका, जिला परिषद के चुनाव की घोषणा अभी नहीं होगी। 147 नगरपंचायत में से 42 नगरपंचायत के लिए चुनाव होंगे। अन्य 105 नगर पंचायत का कार्यकाल अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त दिनेश वाघमारे, सचिव सुरेश काकाने, उप सचिव सूर्यकृष्ण मूर्ति, उपायुक्त राजेंद्र पाटिल मौजूद थे।
बता दें कि निकाय चुनावों में राज्यभर के 1 करोड़ 7 लाख 3 हजार 576 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग ने बताया कि इन निकायों में कुल 6,859 सदस्य और 288 अध्यक्ष चुने जाएंगे। चुनाव EVM के जरिए होंगे और इसके लिए राज्यभर में 13,355 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। वहीं मतदान केंद्रों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएंगे।
फर्जी वोटिंग रोकने की सुविधा
चुनावों में फर्जी वोटिंग एक बड़ा मुद्दा बन गया था। विपक्ष भी इसका लगातार विरोध कर रहा था। अब राज्य चुनाव आयोग ने मतदाताओं की पारदर्शिता और सुविधा के लिए एक मोबाइल एप जारी करने की घोषणा भी की है। इस एप में उम्मीदवारों और मतदाताओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी। डुप्लीकेट या दोहरी वोटिंग रोकने के लिए आयोग ने एक नया टूल तैयार किया है।
इस प्रणाली के तहत, यदि कोई मतदाता पहले से किसी अन्य केंद्र पर दर्ज है तो मतदान के समय “डबल स्टार अलर्ट” दिखेगा। इसके बाद मतदान अधिकारी उस मतदाता की पहचान की पुष्टि करेंगे और उनसे लिखित घोषणा (डिक्लेरेशन) ली जाएगी कि वे दोबारा मतदान नहीं करेंगे।
चुनाव कार्यक्रम का विवरण
आवेदन की तारीख- 10 नवंबर से
आवेदन की आखिरी तारीख- 17 नवंबर
वोटिंग की तारीख- 2 दिसंबर
रिजल्ट- 3 दिसंबर को होगी
वेबसाइट पर होंगे नामांकन स्वीकार
चुनाव आयोग की ओर से बनाई गई वेबसाइट पर नामांकन स्वीकार किए जाएंगे। एक वार्ड में एक उम्मीदवार की ओर से अधिकतम चार नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते हैं। इसके साथ ही जाति वैधता प्रमाण पत्र भी आवश्यक है। जिन लोगों ने जाति वैधता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है, उन्हें आवेदन की रसीद जमा करनी होगी। लेकिन अगर ऐसा कोई उम्मीदवार निर्वाचित होता है, तो उसे निर्वाचित होने के छह महीने के भीतर जाति वैधता प्रमाण पत्र देना होगा।





