महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने चुनाव आयोग के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची की विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की दूसरी चरण की प्रक्रिया को स्वागतयोग्य कदम बताया है। उन्होंने कहा कि बिना इस तरह के अभियान के सटीक मतदाता सूची तैयार नहीं की जा सकती। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में बावनकुले ने कहा, “मेरे क्षेत्र में 5 लाख 40 हजार मतदाता हैं। यदि कोई व्यक्ति कहीं और चला जाता है, तो उसका नाम नई जगह पर जुड़ जाता है, लेकिन पुरानी जगह से हटाया नहीं जाता।”
बावनकुले ने जोर देकर कहा कि बिना सर्वेक्षण के सही आंकड़े सामने नहीं आ सकते। उन्होंने चुनाव आयोग के इस कदम की सराहना करते हुए इसे मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। उधर, विपक्ष ने इस फैसले की आलोचना की है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सीधा हमला करार दिया।
पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव
बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने चुनाव आयोग के फैसले का समर्थन करते हुए इसे पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले मर चुके लोगों के नाम पर वोट डाले जा रहे हैं और घुसपैठिए भी मतदान कर रहे हैं, जो वोट हड़पने वालों के लिए खतरा है। बता दें कि एसआईआर का पहला चरण सितंबर में बिहार में आयोजित किया गया था।
तारीखें आईं सामने
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि दूसरा चरण अंडमान निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चलेगा। 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रिंटिंग और प्रशिक्षण, 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गणना, 9 दिसंबर को ड्राफ्ट सूची प्रकाशन, 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे, 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और 7 फरवरी 2026 को अंतिम सूची प्रकाशन होगा।





