मुंबई में प्रदूषण का स्तर अक्टूबर 2025 में तेजी से बढ़ गया है, जिसके कारण यह महीना इस साल का सबसे प्रदूषित महीना बन गया है। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के विश्लेषण के अनुसार, 18 से 22 अक्टूबर के बीच शहर के 19 निगरानी स्टेशनों ने PM2.5 का उच्चतम दैनिक औसत स्तर दर्ज किया, जबकि सात स्टेशनों ने PM10 का उच्चतम स्तर रिकॉर्ड किया। यह डेटा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के निगरानी स्टेशनों से प्राप्त हुआ है।
त्योहारी सीजन के दौरान मुंबई की हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई है, जिससे निवासियों को अस्वास्थ्यकर प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। CREA के विश्लेषक मनोज कुमार ने बताया कि उत्सवों के कारण लोग अधिक बाहर निकल रहे हैं, लेकिन हवा सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्माण धूल, वाहन उत्सर्जन और अन्य स्रोतों से होने वाले रोजमर्रा के प्रदूषण को भी नियंत्रित करना जरूरी है ताकि जन स्वास्थ्य की रक्षा हो सके।
क्या कहते हैं मानक
मुंबई में हवा की गुणवत्ता की निगरानी महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा संचालित स्टेशनों के माध्यम से की जाती है। CPCB के मानकों के अनुसार, PM10 का 24 घंटे का औसत 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और PM2.5 का 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। हालांकि, इन स्तरों को बार-बार पार किया जा रहा है।
किन लोगों को ज्यादा खतरा
PM2.5 और PM10 जैसे महीन कण, जो मुख्य रूप से वाहन उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों और खुले में जलाने से उत्पन्न होते हैं, मुंबई की हवा को प्रदूषित करने वाले प्रमुख कारक हैं। इन कणों की लगातार उच्च सांद्रता बच्चों, बुजुर्गों और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। लंबे समय तक संपर्क में रहने से सांस की बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।





