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Fri, Dec 5, 2025

शिक्षा विभाग के अफसरों ने ली 60000 रुपये की रिश्वत, EOW ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया, एक अधिकारी की पत्नी भी आरोपी

Written by:Atul Saxena
आरोपियों ने खुद रिश्वत ना लेते हुए पत्नी को ये सोचकर रिश्वत दिलवाई कि उनपर आरोप नहीं आयेगा और वे पकड़े नहीं जायेंगे लेकिन कहते हैं न अपराधी किसना भी शातिर हो पुलिस के चंगुल में फंस ही जाता है। 
शिक्षा विभाग के अफसरों ने ली 60000 रुपये की रिश्वत, EOW ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया, एक अधिकारी की पत्नी भी आरोपी

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ जबलपुर (EOW Jabalpur) की टीम ने शिक्षा विभाग मंडला में पदस्थ डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा तथा एपीसी अवधेश नारायण पाण्डेय को 60,000/- रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, ईओडब्ल्यू ने इस मामले में डीपीसी की पत्नी आरती विश्वकर्मा को भी आरोपी बनाया है।

ईओडब्ल्यू कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मंडला जिले की ग्राम ककैया तहसील बिछिया में रहने वाले रविकांत नंदा ने 22 सितम्बर को एक शिकायती आवेदन दिया था, उन्होंने बताया कि वे ककैया में विद्या निकेतन स्कूल चलाते हैं जिसका भवन जर्जर होने के कारण जून 2025 में एसडीएम बिछिया ने उसे सील कर दिया था।

बंद स्कूल को पुनः खोलने मांगी 60,000 रुपये रिश्वत 

उन्होंने आगे लिखा कि उन्होएँ स्कूल की मरम्मत करा ली और उसे पुनः खोलने के लिए शिक्षा विभाग में पदस्थ डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा को आवेदन दिया था। डीपीसी मण्डला को स्कूल का मौका निरीक्षण करके सील खोले जाने के लिये प्रतिवेदन देना था। डीपीसी और उनकी टीम ने भौतिक निरीक्षण कर लिया लेकिन डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा एवं एपीसी अवधेश नारायण पाण्डेय ने उस रिपोर्ट को उसके पक्ष में दिये जाने के एवज में 60,000/- की रिश्वत की मांग की है ।

DPC ने रिश्वत की राशि पत्नी को देने के लिए कहा 

शिकायत मिलने के बाद EOW की टीम ने उसका सत्यापन कराया जिसमें 23 सितम्बर को आरोपियों द्वारा 60,000/- रुपये की रिश्वत मांगने की बात सही पायी गई, सीपीसी अरविंद विश्वकर्मा ने आवेदक रविकांत नंदा को रिश्वत की राशि रिलायंस जियो पेट्रोल पंप में उनकी पत्नी आरती विश्वकर्मा  को देने के लिए कहा।

DPC उनकी पत्नी और APC रंगे हाथ गिरफ्तार 

निर्धारित समय और स्थान पर पहुंचकर स्कूल संचालक रविकांत नंदा ने रिश्वत की राशि 60000/- रुपये डीपीसी अरविंद विश्वकर्मा की पत्नी आरती विश्वकर्मा को दे दी तभी पहले से तैयार ईओडब्ल्यू की टीम ने इनको रंगे हाथ पकड़ लिया, ई ओ डब्ल्यू ने  तीनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज जाँच में ले  लिया है।