बदमाशों को छुड़ाने फैलाई दहशत, बदमाशों ने जेल पर की फायरिंग,जेल परिसर में भगदड़ 

मुरैना, संजय दीक्षित। मुरैना जिले की अम्बाह उप जेल (Ambah sub jail) में बंद शातिर बदमाशों को छुड़ाने के लिए तीन बाइकों पर सवार आधा दर्जन बदमाशों ने कट्टों से फायरिंग (Firing) कर दी। फायरिंग के बाद जेल परिसर (Jail Parisar) में भगदड़ मच गई। सूचना मिलते ही पुलिस (Police) मौके पर पहुंच गई। तब तक बदमाश मौके से भागने में सफल हो गए।

जानकारी के मुताबिक सोमवार की शाम करीब 6:30 बजे तीन बाइकों पर सवार करीब आधा दर्जन बदमाशों ने उप जेल के मुख्य प्रवेश द्वार के पास पहुंचकर कट्टों से करीब छह सात फायर कर दिए। घटना के समय जेलर एस के शर्मा छुट्टी पर थे और मुख्य जेल प्रहरी शिरोमणि सिंह के पास जेलर का चार्ज है। गोलियों की आवाज सुनकर जेल स्टाफ सतर्क हो गया और उसने पुलिस को फायरिंग की सूचना दी। पुलिस जेल परिसर के बाहर पहुंची तो वहां से गोलियों के करीब 3-4 खाली खोखे बरामद किए हैं। जेल के आसपास के दुकानदारों ने फायरिंग करने वाले बदमाशों की संख्या करीब आधा दर्जन से अधिक  बतायी है। बताया गया हैं कि 3 दिसंबर को भी तीन से चार शस्त्र बदमाश जेल लाइन में पहुंचे और उन्होंने वहां रह रहे एक प्रहरी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। 3 तारीख की घटना में बदमाश ने जेल में बंद बदमाश कद्दू, पूड़ी समेत एक अन्य बदमाश को जेल की बैरक में सुविधाएं देने व प्रताडित नहीं  करने की चेतावनी दी थी। उस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इसके चलते जेल पर फायरिंग की दूसरी बड़ी घटना को अंजाम दिया है। जेलर एस के शर्मा का कहना है कि जेल गेट पर फायरिंग कर बदमाशों की शिनाख्त नहीं हो पा रही है क्योंकि बाहर से आने वाले व्यक्तियों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाती है क्योंकि जेल परिसर के आसपास सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं ।पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर धरपकड़ शुरू कर दी है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....