MP Byelection 2020 : टाइगर के बाद चुन्नू-मुन्नू और फिर नन्नू-मुन्नू, अब आप ही ले फैसला, देखें वीडियो

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। प्रदेश की राजनीति में उपचुनाव (MP Byelection 2020) के पहले टाइगर जिंदा है (tiger zinda hai) या नहीं इस बात का तो पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन अब सियासी पारे ने बुधवार 14 अक्टूबर को अचानक रंग बदल लिया है। जहां बीजेपी (bjp) के लिहाज से चुन्नू-मुन्नू का राजनीतिक पर्दापण हुआ है। वही कांग्रेस के लिहाज से नन्नु और मुन्नू का।

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राजनीति में बचपना दिखाने वाले दोनों सियासी दल फिर चाहे वो बीजेपी हो या फिर कांग्रेस किस ओर उपचुनाव की सियासी जंग ले जा रहे है ये तो वो ही जाने। लेकिन राजनीति की परिपाठी जिस ओर जा रही है वहां कोरोना काल में भी राजनीति अब सोशल डिस्टेंसिंग की बजाय केवल भीड़ तंत्र पर टिक गई है।

 

ये बात इसलिए उठ रही है क्योंकि चुन्नू – मुन्नू के साथ तंज कसने वाले बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर में कांग्रेस के दो दिग्गजों पर निशाना साधा तो थोड़ी ही देर में कांग्रेस की ओर से नरेंद्र सलूजा ने पलटवार कर दिया। इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट पर जीत के लिए दोनों राजनीतिक दलों के बचपने को हम सीधे वीडियो के जरिये बताने और दिखाने जा रहे है, क्योंकि दोनों वीडियो को देखकर आप अपने बचपन की यादों को ताजा कर ही सकते है। साथ ही ये फैसला भी ले सकते है आखिर में आप किसके पक्ष में और क्यों मतदान करे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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