Gujarat: डॉक्टर हमारे बीच मौजूद एक ऐसा व्यक्ति होता है, जिसे हम भगवान का दर्जा देते हैं। लोगों का यह मानना है कि भगवान इंसान की रक्षा के लिए हर जगह मौजूद नहीं रह सकते इसलिए डॉक्टर यह जिम्मेदारी निभाते हैं। वैसे क्या हो जब हम जिसे जीवन दान देने वाला समझ रहे हो वह धोखा देने वाला निकल जाए। जी हां, ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत से सामने आया है। यहां पर फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत एक महिला और पुरुष को अरेस्ट किया गया है। यह लोग असली नहीं बल्कि फर्जी डॉक्टर हैं।
जानकारी के मुताबिक जिस महिला को अरेस्ट किया गया है वह 12वीं तक पढ़ी हुई है और पुरुष दसवीं पास है। यह दोनों डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहे थे। जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए कार्रवाई की। अब तक की जांच में दोनों के पास किसी भी तरह की डिग्री नहीं मिली है। यह मामला सामने आने के बाद हर व्यक्ति के लिए यह सोचना जरूरी है कि क्या वो अपना इलाज वाकई डॉक्टर से करवा रहा है।
फर्जी डॉक्टर बन कर रहे थे इलाज
सूरत के उमरा थाना के अंतर्गत यह मामला दर्ज किया गया है। यहां दोनों महिला पुरुष डॉक्टर बनकर एलोपैथिक दवाइयों के जरिए लोगों का इलाज कर रहे थे। दोनों ने एक क्लीनिक खोला हुआ था, जहां कई मरीज इनके पास इलाज के लिए पहुंचते थे। जब पुलिस ने दोनों से सर्टिफिकेट मांगा तो उनके पास डॉक्टर होने का कोई भी सबूत मौजूद नहीं था। इसके बाद पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर दोनों को गिरफ्तार किया और जांच आगे बढ़ाई।
गुजरात पुलिस का क्या कहना (Gujarat)
इस मामले को लेकर पुलिस द्वारा जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक पुरुष दसवीं पास है और महिला ने 12वीं तक पढ़ाई की है। ये डॉक्टर की तरह प्रैक्टिस कर रहे थे और लोगों को एलोपैथिक दवाइयां देते थे। इनके क्लीनिक से दवाइयां बरामद की गई है। ये कितने समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिली है लेकिन मामले की जांच पड़ताल लगातार जारी है।