नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक किशोर ने सीएम योगी आदित्यनाथ की एक आपत्तिजनक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर किशोर न्याय बोर्ड के कटघरे में ले जाया गया। जहाँ किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने आरोपी 15 वर्षीय लड़के को अनोखी सजा सुनाई है।
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इस सजा में कहा गया है कि आरोपी अभी नाबालिग है इसलिए किशोर न्याय बोर्ड ने लड़के को गौशाला में सामुदायिक सेवा करने का आदेश दिया है। अब 15 दिनों तक लड़का गौशाला में जाकर सफाई करेगा। रिपोर्ट के अनुसार सीएम योगी के खिलाफ किशोर ने अभद्र टिप्पणी के साथ अपनी एक मॉर्फ्ड तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। जिस पर जेजेबी बोर्ड ने अपना फैसला सुनाया है।
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लोक अभियोजक अतुल सिंह ने पूरे मामले की व्याख्या करते हुए बताया कि इस माह की शुरुआत में बदायूं के सहसवां थाने में उपनिरीक्षक राजेश कुमार की ओर से 15 वर्षीय बालक के खिलाफ अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद बालक को बाल सुधार गृह में रखा गया था। उसकी उम्र को ध्यान में रखते हुए आज JJB ने यह फैसला सुनाया है।
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बोर्ड के अध्यक्ष, मजिस्ट्रेट आंचल अधाना, अन्य न्यायिक सदस्यों प्रमिला गुप्ता और अरविंद कुमार गुप्ता के साथ जेजेबी की ओर से निर्णय सुनाया गया। साथ ही किशोर पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस सजा के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। एक ने कहा ऐसे में अभिव्यक्ति की आजादी का क्या हुआ? वही दूसरे ने कहा कि यह तो मुख्यमंत्री की तानाशाही है।