170 साल का पुराना है भारतीय रेलवे का इतिहास, जानें कब चलाई गई थी पहली ट्रेन

रेल मंत्रालय द्वारा समय-समय पर यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए ट्रेनों का संचालन भी किया जाता है और इसमें बहुत से बदलाव भी किए जाते हैं।

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Indian Railways : भारत का रेल नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यहां रोजाना 1 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन किया जाता है। वैसे तो ट्रेन जर्नी हर किसी को पसंद होती है। लाखों यात्री इसमें अपना सफर तय करते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है। इंडियन रेलवे पूरे देश भर को जोड़ता है। लोगों के लिए तरह-तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती है। राजधानी, शताब्दी, दुरंतों, पैसेंजर सहित स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती है, ताकि लोग अपनी सुविधानुसार इसमें ट्रैवल कर सके। ट्रेन में सफर करते वक्त लोग विभिन्न राज्यों से होकर गुजरते हैं। इस दौरान उन्हें उसे राज्य की संस्कृति, वातावरण, वेशभूषा, खानपान, आदि से रूबरू होने का मौका मिलता है। उन्हें ऐसे नजारे देखने को मिलते हैं, जो शायद उन्होंने पहले कभी ना देखा हो। इस दौरान मन में तरह-तरह के सवाल भी होते हैं जैसे रेलवे ट्रैक किसने बनाया है, ट्रेन को कौन सिग्नल देता है, एक पटरी पर कितनी ट्रेनिंग एक साथ चल रही होती है। तरह-तरह की तमाम सवाल मन में चलता रहता है।

170 साल का पुराना है भारतीय रेलवे का इतिहास, जानें कब चलाई गई थी पहली ट्रेन

मन में आया ये सवाल

अक्सर सफर के दौरान लोग एक-दूसरे के दोस्त भी बन जाते हैं। वह किसी भी टॉपिक को लेकर चर्चा करते हैं, जिससे उनका सफर भी कट जाता है। ट्रेन में सफर करते वक्त आपके मन में सवाल उठना होगा कि आखिर भारत में ऐसी कौन सी पहली ट्रेन होगी, जिसे सफलतापूर्वक संचालित किया गया होगा। तो हम आपको बता दें कि भारतीय रेलवे का इतिहास लगभग 170 साल पुराना है।

पहली ट्रेन

भारत में पहली बार 16 अप्रैल 1853 ट्रेन का संचालन किया गया था। इसके बाद साल 1890 में भारतीय रेलवे अधिनियम पारित किया गया था, जबकि 1950 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। जब देश पूरी तरह से आजाद हो चुका था। रेलवे द्वारा सबसे पहले मुंबई से ठाणे के बीच ट्रेन चलाई गई थी, जिसने मात्र 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। जिसमें तीन इंजन लगाए गए थे। जिनके नाम साहिब, सुलतान और सिंध थे।

थे इतने डब्बे

हालांकि, भारत की पहली ट्रेन की लंबाई में कम नहीं थी, बल्कि यह पहली ट्रेन 13 डब्बा वाली थी, जिसे तीन इंजन लगाकर चलाया गया था, जो कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर चली थी और अपने गंतव्य शाम 4 बजकर 45 मिनट पर पहुंच गई थी। 1950 के बाद लगातार भारतीय रेल का विकास किया गया। रेल मंत्रालय द्वारा समय-समय पर यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए ट्रेनों का संचालन भी किया जाता है और इसमें बहुत से बदलाव भी किए जाते हैं।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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