भारत में कनेक्टिविटी की बात की जाए, तो लगभग सभी राज्य में एक्सप्रेसवे और हाईवे का तेजी से निर्माण किया जा रहा है, जिससे लोगों को जाम की समस्या से छुटकारा मिले। साथ ही उनके समय में बचत हो। हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण से एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचने का समय बहुत ही काम हो चुका है। पहले जिस सफर को पूरा करने में 10 से 12 घंटे लगते थे, अब उस सफर को महज 6 से 7 घंटे में पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा, शहर में लगने वाले ट्रैफिक से भी छुटकारा मिल रहा है, क्योंकि इन हाईवे के बनने से सिटी के अंदर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि बाहर-ही-बाहर अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार सड़कों के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है। परिवहन विभाग द्वारा आए दिन एक्सप्रेसवे और हाईवे की नींव रखी जा रही है, जिसकी पूरी देखरेख NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) द्वारा की जाती है।
भारत का सबसे छोटा हाईवे
इससे पहले हम आपको देश का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे और पहला हाईवे के बारे में बता चुके हैं, लेकिन आज हम आपको देश का सबसे छोटा नेशनल हाईवे के बारे में बताएंगे, जिस पर चलने के लिए आपको 5 मिनट से भी कम का समय लगेगा। केवल इतना ही नहीं, केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा भी मिला हुआ है।
जानें नाम
दरअसल, भारत में दो नेशनल हाईवे हैं, जो कि सबसे छोटे नेशनल हाईवे कहलाते हैं। जो NH-118 और NH-548 हैं, जिनकी लंबाई केवल 5 किलोमीटर है। इसे आप कार या बाइक से 5 मिनट में तय कर सकते हैं।
NH-118
NH-118 की बात करें तो यह झारखंड में स्थित है, जो कि जमशेदपुर से आसनबनी के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करता है, जो कि केवल 5 किलोमीटर लंबा है। यह जमशेदपुर यानी इंडस्ट्रियल शहर को इसके आसपास के क्षेत्र से जोड़ने का काम करता है। यह सड़क छोटी होने के बावजूद, स्थानीय लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
NH-548
वहीं, भारत का दूसरा सबसे छोटा नेशनल हाईवे NH-548 है, जो कि महाराष्ट्र में स्थित है। यह हाईवे पहले नेशनल हाईवे 32 के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर NH-548 रख दिया गया। जो कि कलबोली सर्कल को NH-348 जंक्शन से जोड़ती है। यह लिंक रोड केवल 5 किलोमीटर लंबी है। हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आसपास के लाखों को कनेक्टिविटी प्रदान करती है।
मिनटों में हो जाता है पार
दोनों की लंबाई एक बराबर है, इसलिए भारत के दो सबसे छोटे नेशनल हाईवे हैं, जिन्हें कुछ ही मिनट में पार किया जा सकता है। लेकिन यह किसी बड़े हाईवे से कम नहीं हैं। यह डेली ट्रैफिक को सरल बनाने के साथ-साथ, स्थानीय व्यापार, परिवहन और इमरजेंसी सेवाओं के लिए बतौर लाइफलाइन काम करते हैं।





