Employees Regularization : प्रदेश में 45000 से अधिक कर्मचारियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि प्रक्रिया में हो रही लगातार देरी पर कर्मचारी संगठन लगातार उग्र हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नियमितीकरण को लेकर भी पेंच फंसता नजर आ रहा है। कर्मचारी सरकार से जल्द से जल्द नियमितीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने की मांग किए जा रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री का बड़ा बयान सामने आया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के लाखों नियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण पर जानकारी फिलहाल अधूरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि अब तक सभी विभागों की तरफ से जानकारी सामने नहीं आई है। ऐसे में निर्णय लेना संभव नहीं है। सारे विभागों की तरफ से जानकारी आने के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है। सभी विभागों को जानकारी भेजने के लिए 5 प्रश्नावली भेजी गई है। इसके आधार पर ही सभी विभाग द्वारा अनियमित कर्मचारियों के आंकड़े राज्य शासन को भेजे जाने हैं।
सीएम का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कर्मचारियों को आंदोलन करने की मनाही नहीं है। विभिन्न विभागों से संविदा, दैनिक वेतन भोगी तमाम प्रकार के चार-पांच वर्ग के निर्धारण के साथ ही उनकी जानकारी मंगाई गई है। इसके लिए समिति का गठन किया गया था। समिति के साथ दो बैठकें भी आयोजित की जा चुकी है। पांच प्रश्न सभी विभागों को भेजे गए हैं। वहीं सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। कई विभागों की तरफ से जानकारी सामने आ चुकी है जबकि आदि विभागों की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। ऐसे में बिना जानकारी के किस तरह निर्णय लिया जा सकते हैं।
22 विभाग की जानकारी अब तक नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब तक जानकारी सामने नहीं आती है, तब तक कोई भी निर्णय लेना संभव नहीं है। इससे पहले विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक अभी तक विभिन्न विभागों से आई जानकारी में 24 विभागों द्वारा जानकारी दी जा चुकी। 22 विभाग ऐसे हैं, जिनकी तरफ से अभी जानकारी नहीं दी गई है। कर्मचारी की किस कैटेगरी में भर्ती हुई है ? इस तरह के कई सवाल पूछे गए हैं, जिस पर विभाग द्वारा प्रतिक्रिया और आंकड़े भेजने के बाद ही नियमितीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।
अब तक की कार्रवाई
इससे पहले सदन की कार्रवाई के दौरान अनियमित कर्मचारी का मुद्दा एक बार फिर से सदन में गुजरा था, मुख्यमंत्री ने नियमितीकरण पर सदन में लिखित जवाब दिया था विधायक प्रीतम राम के सवाल है कि संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिए क्या कोई समिति का गठन किया गया है, इसमें सदस्य कौन कौन है और इसके लिए बैठकर कब कब आयोजित की गई थी?
जिस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अफसरों की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था। इसमें वित्त विभाग, पंचायत और ग्रामीण विकास सहित आदिम जाति, अनुसूचित जाति और विकास विभाग जैसे विभागों के सचिव स्तर के अवसर सदस्य नियुक्त किए गए थे। वहीं इस साल 2022 के 16 अगस्त को बैठक की गई थी। जिनमें पांच बिंदुओं पर जानकारी सभी विभागों से मांगी गई है।
वहीं विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक 25 विभागों द्वारा जानकारी दी जा चुकी है जबकि 22 विभाग ऐसे हैं। जिनकी तरफ से अभी जानकारी आनी शेष है। वही इन 22 विभागों की तरफ से जानकारी आने के बाद ही नियमितीकरण की प्रक्रिया पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही विधानसभा में समय सीमा को बढ़ाने से इंकार कर दिया गया था।
5 प्रश्नावली में कई जानकारी मांगी गई
राज्य शासन की तरफ से तैयार हुई 5 प्रश्नावली में कई जानकारी मांगी गई थी। जिसमें विभागों में पदस्थ और नियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का क्या खुले विज्ञापन भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया गया है? इस पर सवाल किए गए थे। इसके अलावा क्या कर्मचारी पद में निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं? क्या कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहे हैं, क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है? क्या शासन द्वारा जारी आरक्षण नियम का पालन किया गया है? अनियमित दैनिक वेतन भोगी संविदा पर कार्य कर रहे लोग वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान ने पा रहे हैं और उन पदों पर नियमित लोगों के वेतनमान के बारे में भी जानकारी मांगी गई है?
अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू का कहना है कि कांग्रेस सरकार का अंतिम बजट हमारे जैसे कर्मचारियों के लिए निराशाजनक है। उन्हें अपनी रिपोर्ट बजट में उन्हें भी कर्मचारियों के लिए किसी प्रकार के प्रावधान न कर सरकार सपने को कुचलने का काम किया है। संघर्ष जारी रहेगा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। वहीं 12 मार्च को नया रायपुर में धरना स्थल में अनियमित कर्मचारी सभा का आयोजन किया जाना है।