UP Tourism: उत्तर प्रदेश एक ऐसी जगह है जहां घूमने के लिए कई सारे ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। यहां अक्सर ही पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहां का बांदा जिला घूमने के लिए बेस्ट जगह है। जहां आपको ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन मंदिर, झरने, आध्यात्मिक स्थल और जंगलों की खूबसूरती देखने को मिलेगी।
बांदा को ऋषि बामदेव की नगरी कहा जाता है और यहां से सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर खूबसूरत पर्यटन स्थल मौजूद है। आज हम आपको ऐसी कुछ जगहों की जानकारी देते हैं जो बांदा के पास है और आप यहां घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ऐतिहासिक जगहों का दीदार कर सकते हैं।
UP Tourism में घूमें ये जगह
शबरी वाटरफॉल
आपको प्राकृतिक जगहों पर जाना पसंद है और झरनों की खूबसूरती आपको आकर्षित करती है तो आप बांदा के पास शबरी झरना पर जा सकते हैं। यह जगह चित्रकूट धाम से 57 किलोमीटर और बांदा से 130 किलोमीटर दूर पड़ती है। यहां चट्टानों के बीच से बहता खूबसूरत झरना और हरे-भरे घास के मैदान अद्भुत प्राकृतिक दृश्य का निर्माण करते हैं जो किसी का भी दिल जीत सकता है।
चित्रकूट धाम
बांदा के पास मौजूद सबसे खूबसूरत प्राकृतिक और आध्यात्मिक स्थल अगर कोई है तो वह है पयस्वनी नदी के किनारे पर मौजूद चित्रकूट धाम। जानकारी के मुताबिक भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान 11 वर्ष यहीं पर बिताए थे। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर मौजूद ये जगह अक्सर ही पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। अमावस्या पर यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है और दूर-दूर से आकर लोग कामतानाथ मंदिर में दर्शन करते हैं। यहां पर कामदगिरि पर्वत मौजूद है जिसकी परिक्रमा करने का विशेष महत्व माना जाता है और कहा जाता है ऐसा करने से मन्नत पूरी होती है।
बृहस्पति झरना
चित्रकूट से कुछ ही दूरी पर मौजूद बृहस्पति कुंड झरना बहुत ही खूबसूरत प्राकृतिक स्थल है। यह जगह बांदा से 85 किलोमीटर दूर है और भारत के नियाग्रा जलप्रपात के नाम से प्रसिद्ध है। पन्ना का बृहस्पति कुंड प्राकृतिक प्रेमियों को अपनी और आकर्षित करता है। जानकारी के मुताबिक इस शानदार झरने की ऊंचाई 400 फीट है और यह 200 से 300 फीट चौड़ा है।
धारकुंडी आश्रम
धारकुंडी एक आध्यात्मिक स्थल है जो अध्यात्म की और रुचि रखने वाले लोगों के लिए बेहतरीन जगह है। दैनिक जीवन से तनावग्रस्त हो चुके लोग अगर शांति चाहते हैं तो इस जगह का दीदार कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक सच्चिदानंद महाराज ने यहां मौजूद सती अनुसूया आश्रम में 11 वर्षों तक तपस्या की थी और 1956 में धारकुंडी आश्रम को स्थापित किया था। आध्यात्मिक शक्ति की बदौलत उन्होंने इस आश्रम को बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगह बनाया।
कालिंजर किला
अगर आपको ऐतिहासिक चीजें आकर्षित करती है तो आप बांदा से 68 किलोमीटर दूर कालिंजर किला पर पहुंच सकते हैं। यह खूबसूरत किला भारत की ऐतिहासिक संस्कृति की अद्भुत पहचान के रूप में आज भी स्थापित है। यहां पर नीलकंठ मंदिर मौजूद है जो धार्मिक आस्थाओं के चलते बहुत फेमस है। बताया जाता है कि यहां पर भगवान शिव समुद्र मंथन से विष पी कर आए थे। यही वजह है कि इस स्थान का खास महत्व है।