पुलवामा हमले के 5 साल, जब भारत ने खोए थे 40 जवान, ऐसे लिया था वीरों की शहादत का बदला

14 फरवरी का दिन भारतीयों के बीच ब्लैक डे के नाम से पहचाना जाता है। इस दिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।

Diksha Bhanupriy
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Pulwama Attack: 14 फरवरी 2019, यह वह दिन है जब एक ओर तो वैलेंटाइन डे का उल्लास छाया हुआ था। वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर के श्रीनगर के पुलवामा में दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ था। जैश ए मोहम्मद के इस आतंकी हमले में 350 किलो विस्फोटक से भरी हुई एसयूवी, बस से भिड़ा दी गई थी। इस हमले में भारतीय सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे। उस घटना को याद कर आज भी भारतीयों की रूह कांप जाती है और खून खौलने लगता है।

भारत के लिए काला दिवस

पुलवामा में हुए इस आतंकी हमले ने हर भारतीय को हैरान कर दिया था। जिसने इस बारे में सुना था वो अंदर से हिल गया था। लेकिन भारतीय सेना भी अपने जवानों को खो देने के गम पर चुप रहने वाली नहीं थी। इसका बदला पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर लिया गया था।

कब हुआ था हमला

14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ जवानों का काफिला जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहा था। जब यह काफिला गोरीपोरा पहुंचा तो यहां पर आतंकियों ने विस्फोटक से भरी एक कार को सीआरपीएफ जवानों की बस से भिड़ा दिया। यह काफिला बहुत लंबा था जिसमें 60 से ज्यादा वाहनों में 2547 जवान मौजूद थे। जब बस से कार को भिड़ाया गया तो जोरदार धमाका हुआ जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी।

लिया गया था बदला

अपने सैनिकों को खोने वाले भारतीय सेना के जवान और भारत सरकार किसी भी कीमत पर आतंकी हमला करने वाले लोगों को छोड़ना नहीं चाहते थे। यही वजह रही की सेना और सरकार ने मिलकर आतंकियों को ललकारा और 12 दिनों के अंदर पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी। इस एयर स्ट्राइक में आतंकियों के ठिकाने को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।

PM की जवानों को श्रद्धांजलि

आज पुलवामा अटैक की पांचवी बरसी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा मैं पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इन जवानों ने देश के लिए जो बलिदान दिया है उसे हमेशा याद रखा जाएगा।

 


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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