8 नवंबर 2016 की रात 8 बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी पर आये तो लोगों को लगा था कि वे किसी विशेष और अच्छे मकसद से आये होंगे लेकिन उन्होंने मित्रों कहकर जैसे ही 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा की पूरा देश सहम गया था। लोग चिंतित थे कि अब इनका क्या होगा।
सरकार द्वारा बनाये गए नियम के बाद नोटों को बदला जाने लगा, बैंकों के सामने लम्बी लम्बी लाइन लग गई , व्यापारी, उद्योगपति, स्टूडेंट्स, ग्रहणी, मजदूर हर वर्ग के सामने ये ही परेशानी थी कि आगे क्या होगा? उन गृहणियों को बहुत ज्यादा तकलीफ हुई जिन्होंने परिवार की जरूरतों और संकटकालीन समय के लिए इन नोटों पर पति या अन्य सदस्यों से छिपाकर रखा था। हालाँकि बाद में परिस्थितियां धीरे धीरे सामान्य हो गई।
लेकिन कांग्रेस ने उस समय भी मोदी सरकार के इन फैसले का विरोध किया था और आज भी वो नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता प्रोफ़ेसर गौरव वल्लभ ने एक प्रेस कांग्रेस कर मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला, उन्होंने नोटबंदी की छठवीं बरसी, नोटबंदी की छठवीं पुण्यतिथि कहते हुए सरकार पर निशाना साधा।
गौरव वल्लभ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उस समय 50 दिन मांगे थे लेकिन वो दिन बीत जाने तो पीएम मोदी और ना ही उनकी सरकार का कोई मंत्री , भाजपा के नेता इस पर बात करता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने नोटबंदी के फैसले को भारत की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाला बताया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि – हिंदुस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी ऑर्गेनाइज्ड लूट 8 नवबंर 2016 को नोटबंदी के माध्यम से सरकार ने की। नोटबंदी के 50 दिन के बाद आज तक सरकार ने नोटबंदी का नाम तक नहीं लिया है। कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी पर सरकार के दावे धराशायी हो गए हैं , कालाधन कम नहीं हुआ, स्विस बैंक में भारतीयों का धन 14 साल के उच्चतम स्तर पर – फेक करंसी भी कम नहीं हुई, RBI की 2021-22 की रिपोर्ट अनुसार 500 के नकली नोटों में 102% की बढ़त, 2000 के नकली नोटों में 55% की बढ़त हुई।