Employees Retirement Age, Retirement Age Hike : कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति पर एक बार फिर से महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। याचिकाकर्ता की मांग है कि सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाना चाहिए। इसके लिए ट्रिब्यूनल कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी।
ट्रिब्यूनल ने कहा- 65 वर्ष हो रिटायरमेंट आयु
महाराष्ट्र में प्रिंसिपल कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि की मांग की जा रही है। इसके लिए पहले ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता द्वारा वकील रवि पांडे और सुदाम के माध्यम से शहर में विश्वविद्यालय और कॉलेज न्यायाधिकरण के समक्ष 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने के नोटिस को चुनौती दी गई थी। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता के पक्ष में सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि एआईसीटीई सिर्फ प्राधिकारी है। इसलिए प्रिंसिपल की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष होनी चाहिए।
हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
हालांकि ट्रिब्यूनल के आदेश पर नियोक्ता विदर्भ यूथ वेलफेयर सोसायटी ने वकील सिद्धेश कोटवाल के माध्यम से मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष इस फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिका की अनुमति देते हुए कहा था कि सेवानिवृत्ति की आयु GO के अनुसार होनी चाहिए। GO में प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष निर्धारित की गई है। ऐसे में प्रिंसिपल के रिटायरमेंट आयु 62 वर्ष करने का फैसला दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर फैसले को चुनौती
वही अब नागपुर हाई कोर्ट के फैसले को मीर सादिक़ अली के द्वारा विशेष अनुमति याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे की जांच की जाएगी कि क्या प्रिंसिपल की सेवानिवृत्ति आयु एआईसीटीई नियम के अनुसार 65 वर्ष होगी यह महाराष्ट्र सरकार के संकल्प के अनुसार 62 वर्ष ही निर्धारित रहेगी? अभी इस मामले में फिलहाल न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने नोटिस जारी किया है और हाईकोर्ट के फैसले के प्रभाव और क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि देखने को मिल सकती है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के GO के अनुसार सुप्रीम कोर्ट भी हाई कोर्ट के फैसले के साथ जाते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष रखने का फैसला निश्चित कर सकती है।