Employee DA Hike/Arrear News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट है। आज 25 जनवरी हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर बड़ी सौगात मिल सकती है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू महंगाई भत्ते और बकाया एरियर को लेकर कोई ऐलान कर सकते है। पुरानी पेंशन योजना के लागू होने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद है कि पूर्ण राज्यत्व दिवस पर राज्य सरकार डीए के भुगतान की घोषणा कर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
सीएम कर सकते है ये बड़े ऐलान
वर्तमान में राज्य के कर्मचारियों को 31 फीसदी डीए मिल रहा है और करीब 7 फीसदी तक वृद्धि होना बाकी है। इसमें कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2022 से देय है, जबकि 4 प्रतिशत जुलाई 2022 से दिया जाना है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है।संभावना जताई जा ही है कि आज हिमाचल प्रदेश के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस पर हमीरपुर में आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू महंगाई भत्ते और बकाया एरियर को लेकर कोई घोषणा कर सकते हैं।
एरियर, डीए और पे कमीशन का भुगतान बाकी
खबर तो यह भी है कि सीएम सुख्खू आज अपनी सरकार की कोई नई योजना भी लांच कर सकते है और कर्मचारियों की देनदारी को लेकर भी कोई फैसला ले सकते है। चुंकी राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते से लेकर पे-कमीशन के एरियर का भुगतान होना अभी बाकी है और यह देनदारी भी करीब 11000 करोड़ की है। वही डीए की 7 फीसद किस्त के भुगतान के लिए करीब 750 करोड़ की रकम चाहिए। सरकार ने हाल ही में 1500 करोड़ के कर्ज के लिए आवेदन किया है। हालांकि बीते दिनों सीएम कह चुके है कि एरियर के भुगतान के लिए सरकार को करीब 8000 करोड़ की दरकार है।
1500 करोड़ लोन लेने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष में राज्य की सुख्खू सरकार अब तक 8000 करोड़ लोन ले चुकी है और अनुमान है कि आखिरी तिमाही में करीब 4000 करोड़ लोन और ले सकती है। इसमें से 1500 करोड़ जनवरी महीने में ही लेने की तैयारी है, इसके लिए आवेदन दिया जा चुका है। हालांकि भारत सरकार से आखिरी तिमाही के लिए लोन की लिमिट अभी तय नहीं हुई है, लेकिन हिमाचल सरकार ने शीतकालीन सत्र में लोन की लिमिट को बढ़ाने के लिए बिल पारित किया था। इसके जरिए लिमिट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया गया है। इस कारण इस वित्त वर्ष में करीब 5000 करोड़ लोन अभी और लिया जा सकता है।