8th Pay Commission: एक तरफ केन्द्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों पेंशनरों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लागू करने के बाद 3 फीसदी महंगाई भत्ता की सौगात दे दी है, जिसके बाद डीए 50 से बढ़कर 53 फीसदी हो गया है। अब अगला डीए 2025 में बढ़ेगा। वही दूसरी तरफ 2025 से पहले अब नए वेतन आयोग की चर्चा शुरू हो गई है। चुंकी आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन करती है।
कयास लगाए जा रहे है कि नए साल 2025 में मोदी सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।अगर 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़ाकर लगभग ₹34,560 हो सकता है, वही पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन ₹17,280 हो सकती है।इधर, ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) ने नवंबर में कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करने पर सहमति जताई है, अनुमान है कि इस बैठक में 8वें वेतन आयोग पर चर्चा की जाएगी।
हर 10 साल में लागू होता आया है नया वेतन आयोग
दरअसल, अबतक हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन होता हुआ आया है। सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में किया गया था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई, जिसका समय 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने वाला है, इस आधार पर 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2026 को लागू किया जाना है, ऐसे में अभी से हलचल तेज हो चली है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई फैसला ले सकती है। नए वेतन आयोग के लागू होने से बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर 34000 हो सकती है।
इसलिए उठ रही New Pay Commission की मांग
- गौरतलब है कि वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा गठित एक विशेष समिति होती है, इस समिति का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन, भत्ते और पेंशन की समीक्षा करना और उनमें जरूरी संशोधन की सिफारिश करना होता है।नए वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन को अलग-अलग आर्थिक मापदंडों खासतौर पर महंगाई के हिसाब से रिवाइज किया जाता है।अबतक हर 10 साल में केन्द्र सरकार नए वेतन आयोग का गठन करती आई है, इस हिसाब से अगला वेतन आयोग 2026 में लागू होना है।
- फरवरी में बजट सत्र के दौरान कर्मचारी परिसंघ , संयुक्त सलाहकार मशीनरी की राष्ट्रीय परिषद और इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर एसोसिएशन समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर 8वां वेतन आयोग लागू करने की मांग की थी। कर्मचारी फोरम ने भी केंद्रीय कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन के सामने भी वेतन आयोग को लेकर एक ज्ञापन पेश किया है।
- हाल ही में मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और जावेद अली खान ने इसको लेकर सवाल किया था। इस पर वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि केंद्र सरकार के सामने 8वें वित्त आयोग के लिए फिलहाल कोई प्रस्ताव विचार के लिए नहीं है, सिर्फ 2 अभ्यादेन सरकार को मिले हैं, ऐसे में गठन को लेकर कोई विचार नहीं है।
8th Pay Commission से फिटमेंट फैक्टर पर क्या पड़ेगा असर?
- खास बात ये है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़ाकर लगभग ₹34,560 यानि लगभग 92% की बढ़ोतरी हो सकती है, वही पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन भी बढ़कर ₹17,280 हो सकती है।
- इसके साथ ही फिटमेंट फैक्टर भी 2.57 से बढ़कर 3.68 हो जाएगा।इससे कर्मचारियों के वेतन में संभावित वृद्धि ₹20,000 से ₹25,000 तक हो सकती है।वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है और बेसिक सैलरी 18000 रुपए है।माना जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढाकर 3.00 या 3.68 फीसदी तक किया जाता है।
- इससे पहले आखिरी बार केन्द्र सरकार ने 2016 में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया था और इसी साल से 7th pay commission को भी लागू किया गया था।इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।