कर्मचारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी, फिर बढ़ेगा महंगाई भत्ता, 2 महीने के एरियर का भी लाभ, जानें 18 महीने के डीए एरियर पर भी अपडेट

वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनर्स को 53 फीसदी डीए/डीआर का लाभ मिल रहा है और अब जनवरी 2025 से डीए की नई दरों में संशोधन होना है।

Pooja Khodani
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7th Pay Commission DA Hike : केंद्र सरकार द्वारा हर साल 2 बार केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों में संशोधन किया जाता है, जो अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक इंडेक्स के छमाही आंकड़ों पर निर्भर करता है। यह वृद्धि हर साल जनवरी/जुलाई से की जाती है, जिसका ऐलान मार्च और अक्टूबर के आसपास होता है।

वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनर्स को 53 फीसदी डीए/डीआर का लाभ मिल रहा है और अब जनवरी 2025 से डीए की नई दरों में संशोधन होना है। पहले खबर आई थी कि होली से पहले 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते का प्रस्ताव आ सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब संभावना जताई जा रही है कि इस हफ्ते डीए को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है। इसका लाभ 1.20 करोड़ कर्मचारी पेंशनर्स को मिलेगा।

2 या 3% बढ़ेगा महंगाई भत्ता ?

  • वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को 53% की दर से महंगाई भत्ते और राहत का लाभ मिल रहा है। नियम के तहत 1 जनवरी 2025 से फिर डीए की दरों में संशोधन होना है, जो श्रम मंत्रालय द्वारा AICPI Index के जुलाई से दिसंबर 2024 के आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
  • जुलाई से दिसंबर तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो AICPI Index अंक 143.7 और DA स्कोर 55.99% से पार पहुंच चुका है, ऐसे में उम्मीद है कि डीए में 2 से 3% वृद्धि संभव है, क्योंकि 0.50 के पहले वाले को नीचे की गणना और ज्यादा वाले को ऊपर की गणना से राउंड ऑफ किया जाता है। डीए स्कोर को अगर 55% काउंट किया गया तो 2 प्रतिशत और 56% पर काउंट किया जाता है तो 3 फीसदी वृद्धि होगी।
  • चुंकी नई दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी, ऐसे में 2 महीने जनवरी और फरवरी का एरियर भी मिलेगा। संभावना है कि इस हफ्ते नई दरों का ऐलान किया जा सकता है और अप्रैल से खाते में राशि बढ़कर आ सकती है। कैबिनेट की मुहर के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे। यह वृद्धि 7th Pay Commission के तहत की जाएगी।

DA HIKE पर कितनी बढ़ेगी सैलरी?

  • DA और पेंशन पाने वालों के लिए DR का कैलकुलेशन इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए लागू कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) के आधार पर किया जाता है।
  • अगर DA में 2% इजाफा किया जाता है तो, उनका डीए बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा, ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये महीना है, तो मासिक वेतन में 400 रुपये का इज़ाफा हो जाएगा।3 फीसदी पर यह 600 रुपए माह हो जाएगा।
  • जिन कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये है, उन्हें 2 फीसदी बढ़ने पर डीए 9900 सालाना तक बढ़ सकता है। यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50,000 रुपये है और DA दर 53 प्रतिशत है, तो उसका कुल वेतन (अन्य भत्तों को छोड़कर) 76,500 रुपये होगा। यदि DA दर बढ़ाकर 56 प्रतिशत कर दी जाती है, तो कुल वेतन बढ़कर 78,000 रुपये हो जाएगा।

कर्मचारियों पेंशनर्स को 18 महीने के बकाया डीए एरियर का इंतजार

  • केन्द्रीय कर्मचारियों पेंशनरों को महंगाई भत्ता वृद्धि के साथ कोरोना काल महामारी के समय रोके गए 18 महीने के DA के एरियर का इंतजार है।कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने फिर केंद्र सरकार के सामने जुलाई 2020 से जनवरी 2021 तक के लंबित डीए एरियर के समेत कई मांगों का मुद्दा उठाया है।
  • फेडरेशन का कहना है कि केन्द्र सरकार को इन लंबित बकाए का भुगतान करना चाहिए क्योंकि यह कर्मचारियों पेंशनभोगियों का अधिकार है। लेकिन सरकार ने अब तक यह मांग नहीं मानी है। केन्द्र सरकार से लंबित कई मांगों को जल्द से जल्द सुलझाने चाहिए।
  • अगर डीए एरियर का भुगतान होता है तो लेवल-1 के कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपए के बीच, लेवल-13 (7TH CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपए से 2,15,900 रुपए) या लेवल-14 (पे-स्केल) को 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए का भुगतान किया जा सकता है।

ये है फेडरेशन की मुख्य मांगें

  • परिसंघ 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के तहत चेयरमैन सहित समिति के सदस्यों की नियुक्ति चाहता है।
  • नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए।
    कोविड महामारी के दौरान रोकी गई तीन डीए किश्तों का भुगतान किया जाए।
  • कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों की पेंशन से काटी गई राशि 12 वर्ष में बहाल की जाए (वर्तमान में यह अवधि 15 वर्ष है)।
  • अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की 5% सीमा हटाई जाए और सभी पात्र आवेदकों को नियुक्ति दी जाए।
  • सभी विभागों में रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए तथा सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग व निजीकरण बंद किया जाए।
  • कर्मचारी संगठनों को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने की इजाजत दी जाए।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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