नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ केन्द्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों (Central Employees DA Hike) का 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की अटकलें तेज है वही दूसरी तरफ 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर मोदी सरकार की बयान के बाद फिर बड़ी अपडेट सामने आई है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ 8वें वेतन आयोग को लेकर जल्द सरकार को एक ज्ञापन सौंपेगा और सैलरी बढ़ाने या फिर 8वां वेतन आयोग लागू करने की मांग करेगा और अगर मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल पर भी जा सकता है।
हालांकि उन्होंने साफ इंकार नहीं किया कि 8वां वेतन आयोग नहीं आएगा। मंत्री ने कहा था कि पे मैट्रिक्स की समीक्षा और संशोधन के लिए नई व्यवस्था पर काम होना चाहिए, इसके लिए सरकार नई व्यवस्था पर काम कर रही है ताकी कर्मचारियों की सैलरी उनकी परफॉर्मेंस (Performance linked increment) के आधार पर बढ़ाई जा सके। इसके लिए Aykroyd फॉर्मूला के आधार पर सभी भत्तों और वेतन की समीक्षा की जा सकती है और इसकी समीक्षा समय-समय पर लेबर ब्यूरो करता है। यह सुझाव जरूर दिया गया है कि इस मेट्रिक्स में समय-समय पर बदलाव किए जाएं और इसके लिए अगले वेतन आयोग की जरूरत न पड़े।
हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर लिखित में जवाब देते हुए कहा है कि 8वें वेतन पर सरकार अभी कोई विचार नहीं कर रही है। 8वें वेतन आयोग के गठन का सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है। फिलहाल सातवां वेतन आयोग जारी रहेगा और इसके तहत ही कर्मचारियों को वेतन-पेंशन सहित महंगाई भत्ते और अन्य भत्ते दिए जाएंगे। उनसे पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार के सामने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का प्रस्ताव है जिससे उसकी सिफारिशों को एक जनवरी 2026 से लागू किया जा सके।
अरुण जेटली ने दिए थे संकेत
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, इसके बदले केंद्र सरकार निजी कंपनियों के तहत सरकारी कर्मचारियों की परफॉर्मेंस के आधार पर वेतन वृद्धि कर सकती है, इसके लिए 2024 तक नया प्लान लाया जा सकता है, इसका प्रस्ताव तैयार करने पर विचार विमर्श चल रहा है।पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 वाले केंद्रीय कर्मचारी को उनकी कम से कम सैलरी 21000 के बीच हो सकती है। चुंकी दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 के संसद में दिए अपने एक भाषण ने इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार को वेतन आयोग से आगे कर्मचारियों की सैलरी को लेकर विचार करना चाहिए, ऐसे में सुत्रों की मानें तो मोदी सरकार अब नया वेतन आयोग लाने की बजाए नए फॉर्मूले पर विचार कर सकती है।
Aykroyd फॉर्मूले के तहत
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, मोदी सरकार ऐसी योजना बनाने का प्रयास कर रही है जिसमें 50% DA होने पर वेतन में ऑटोमेटिकली इजाफा हो जाए, इसे ‘ऑटोमेटिक पे रिविजन’ का नाम दिया जा सकता है, हालांकि सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि नही की गई है। कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे के लिए Aykroyd फॉर्मूले की चर्चा है, इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई, कॉस्ट ऑफ लिविंग और कर्मचारी की परफॉर्मेंस से जोड़ा जाएगा और इनके आंकलन के बाद सैलरी तय होगी। 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की अपनी सिफारिश में जस्टिस माथुर ने कहा था कि हम पे स्ट्रक्चर को Aykroyd फॉर्मूले के तहत तय करना चाहते हैं, इसमें कॉस्ट ऑफ लिविंग को भी ध्यान में रखा जाता है।
अबतक 10 वेतन आयोग गठित
बता दे कि 1947 के बाद से अबतक 10 वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है। केन्द्र सरकार हर 10 वर्ष पर नए वेतन आयोग का गठन करती है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनधारकों के पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है। सातवें वेतन आयोग का गठन यूपीए सरकार द्वारा 24 फरवरी 2014 को किया गया था। 2006 और 2016 में जिस छठे और सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी और उसे स्वीकार करते हुए सरकार ने वेतन बढ़ाया भी था,इस हिसाब से अगर देखें तो अगला वेतन आयोग यानी 8वां वेतन आयोग साल 2026 में लागू हो सकता है।