नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी खबर है। कार्मिक मंत्रालय के अधीन आने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 28 अक्टूबर 2022 को एक आदेश जारी किया है, जिसमें एकसाथ दो या उससे ज्यादा जुर्माने की कार्रवाई को लेकर स्पष्टीकरण दिया गया है। यह नियम 7वें वेतन आयोग के अधीन आने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अनुशासनिक अधिकारियों को बताना चाहिए कि क्या जुर्माने की पहली कार्रवाई के दौरान ही दूसरी कार्रवाई को भी लागू किया जा सकता है। सजा सुनाने वाले प्राधिकरणों को अपने आदेश में यह स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए कि किसी कर्मचारी पर एक साथ दो जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है और दोनों ही सजाएं एकसाथ चलेंगी।
विभाग ने जारी आदेश में बताया कि कि अधिकारियों को बताना होगा कि क्या दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी या फिर एक खत्म हो जाने के बाद दूसरी लागू होगी। वही क्या पहले दी गई सजा ही चलेगी या दूसरी सजा उसके ऊपर प्रभावी हो जाएगी। अगर आदेश में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं होता है तो दोनों ही सजाएं एकसाथ लागू होंगी और साथ-साथ चलेंगी। इतना ही नहीं अगर बाद में दिया गया आदेश बड़े जुर्माने वाला है तो उसे पहले वाले आदेश के ऊपर भी तत्काल लागू किया जाएगा और उसकी मियाद खत्म होने के बाद यदि पहले वाले आदेश की अवधि बाकी है तो उसे भी पूरा किया जाएगा।
सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 में भी बदलाव
इसके पहले केन्द्र सरकार ने सीसीएस (पेंशन) नियम 2021 (Central Civil Services Pension Rules 2021) में भी बदलाव किया है, इसके तहत अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान गंभीर अपराध या लापरवाही का दोषी पाया जाता है तो उसकी पेंशन अथवा ग्रेच्युटी या फिर दोनों ही पर रोक लगाई जा सकती है।इस नए नियम के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों की एक गलती उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी रोक सकती है। अगर केंद्रीय कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्युटी और पेंशन रोक दी जाएगी।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)