AIS Employees, GPF payment, Employees Retirement : छठी और सातवें वेतन प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल डीओपीटी द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। जिसमें AIS ऑफिसर द्वारा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रिटायर होने के बाद उनके जीपीएफ भुगतान को लेकर प्रक्रिया और नियम में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है।
डीओपीटी द्वारा आदेश जारी करते हुए कहा गया है केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर सेवानिवृत होने वाले एस अधिकारियों के जीपीए भुगतान के संबंध में काफी अभ्यावेदन आमंत्रित किए गए हैं। वर्तमान नियम के अनुसार सेवा से सेवानिवृत होने वाले सदस्य अपने आवेदन संबंधित राज्य के खाता अधिकारियों को जमा करते हैं और राज्य सरकार के माध्यम से उन्हें जीपीएफ की अंतिम भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
वही AIS नियम 1955 के नियम 31(3)2 में अन्य बातों के साथ-साथ प्रावधान निर्धारित किया गया है। जिसके तहत ग्राहक राशि के भुगतान के लिए कार्यालय या विभाग प्रमुख के माध्यम से लेखा अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करता है। इन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संशोधन और बदलाव किए जा रहे हैं, जिनका ध्यान रखना अनिवार्य होगा।
नियम में बदलाव
इसके तहत अधिकारी विभाग के आहरण और संविधान अधिकारी के माध्यम से संबंधित राज्य के लेखा अधिकारी को आवेदन जमा कर सकते हैं, जहां पर केंद्रीय प्रति नियुक्ति पर AIS अधिकारी तैनात है। इसके साथ यह आदेश में स्पष्ट किया गया कि संबंधित राज्य के लेखा अधिकारी द्वारा मंजूरी जारी करना कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी।
अन्य नियम के तहत राज्य के लेखा अधिकारी द्वारा जारी मंजूरी प्राधिकरण केंद्र सरकार के मंत्रालय विभाग के वेतन और लेखा अधिकारी को संबोधित किया जाएगा। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि मंजूरी और प्राधिकरण में अन्य बातों के साथ-साथ यह भी शामिल किया जाए कि “भुगतान पीएओ प्राप्तकर्ता द्वारा किया जा सकता है और प्रतिपूर्ति का दावा राज्य सरकार राज्यों के एजी से किया जा सकता है।
इसके अलावा, ऐसे राज्य के संबंध में जहां AIS अधिकारियों का जीपीएफ एजी अधिकारी द्वारा बनाया गया जा रहा है। राज्य सरकार के मंजूरी प्राधिकार को मंजूर पत्र जारी करने से पहले राज्य सरकार द्वारा संबंधित पीएओ अधिकारियों के जीपीएफ खाते में शेष राशि के संबंध में एएसजी के प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
वही ऐसे राज्य के संबंध में जहां आग अधिकारी द्वारा जीपीएफ खाते का रखरखाव नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार में मंजूरी देने वाले प्राधिकारी को जीपीएफ खाते को बनाए रखने वाले संबंधित प्राधिकारी से ग्राहक के जीपीएफ खाते की शेष राशि की पुष्टि करनी अनिवार्य होगी।
इसके साथ ही राज्य सरकार के लेखा अधिकार-संबंधित महालेखाकार से प्राधिकार/अनुमोदन प्राप्त होने और डीडीओ द्वारा बिल जमा करने पर, संबंधित पीएओ खाता प्रमुख-एमएच 8658 सस्पेंस खाता (क्लिविल) – 101- पीएओ सस्पेंस (संबंधित एजी द्वारा समायोज्य) को डेबिट करते हुए सरकारी खाते से भुगतान प्राप्त करेगा।
इसके बाद, निकाली गई राशि को संबंधित राज्य के संबंधित सार्वजनिक खाते के खिलाफ बाहरी दावा करने के माध्यम से समायोजित किया जा सकेगा। साथ ही जहां जीपीएफ खाते एजी कार्यालय द्वारा बनाए रखे जाते हैं, वहां प्रक्रिया के अनुसार एजी कार्यालय के माध्यम से राज्य सरकार से प्रतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है।
भुगतान पर, संबंधित पीएओ को प्रतिपूर्ति का दावा करते समय उनके द्वारा किए गए भुगतान से संबंधित दस्तावेजों का पूरा सेट (यानी वाउचर, मंजूरी पत्र, अंतिम भुगतान आवेदन आदि) एजी कार्यालय को भेजना चाहिए।