भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 34% महंगाई भत्ते का लाभ मिल रहा है, वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नगर निगम के नियमित कर्मचारियों ने सातवें वेतनमान की मांग की है। इसके लिए राज्य शासकीय कर्मचारी अधिकारी संरक्षण संघ ने नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा है और उसमें हाई कोर्ट के एक आदेश का भी जिक्र किया है।
दरअसल, बीते महीने 8 अगस्त 2022 को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप सचिव राकेश कुमरे ने हाईकोर्ट के आदेश और 2 अगस्त को मंत्री परिषद के फैसले पर कर्मचारियों को सातवां वेतन मान का लाभ देने के लिए पत्र जारी किया है।इसमें हाईकोर्ट के निर्देशानुसार नियमित कर्मचरियों को 15 दिसंबर 2016 से सातवें वेतन मान का न्यूनतम वेतन प्रदान करने के साथ वेतन पुर्नरीक्षण का न्यूनतम वेतन दिए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसमें कर्मचारियों को 15 अगस्त 2016 से 30 अगस्त 2022 तक का एरियर देने की बात भी कही गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नगर निगम के नियमित कर्मचारियों ने मप्र शासन से सातवां वेतन दिए जाने की मांग की है। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कर्मचारियों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्यरत वर्गीकृत कर्मचारियों की तरह सातवें वेतन मान का लाभ दिए जाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया है।सातवां वेतन मान नहीं मिलने से प्रदेश के अन्य विभाग के कर्मचरियों में रोष व्याप्त है।
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इस पत्र के जारी होने के बाद राज्य शासकीय कर्मचारी अधिकारी संरक्षण संघ ने निगर के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतनमान लागू करने की मांग की है। इसमें कर्मचारियों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कार्यरत वर्गीकृत कर्मचारियों की तरह सातवें वेतन मान का लाभ दिए जाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया है।कर्मचारियों का कहना है कि यांत्रिकी विभाग में तो वेतन मान का लाभ दे दिया गया, लेकिन नगर निगम में कर्मचरियों को सातवें वेतन मान का लाभ नहीं दिया गया है। यदि विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा कर्मचारियों के हित में उचित निर्णय नहीं लिया जाता, तो हम आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।