नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर के 1 करोड़ केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों (Central Government employees) के लिए अच्छी खबर है। 2023 में एक बार फिर महंगाई भत्ते में वृद्धि होने की उम्मीद है। इसका अनुमान लेबर मिनिस्ट्री की तरफ से जारी सितंबर के AICPI इंडेक्स के आंकड़े से लगाया गया है। अगस्त के बाद अब सितंबर में भी 1.1 अंक की वृद्धि हुई हैं, सितंबर में यह आंकड़ा 131.3 पर पहुंच गया है, ऐसे में जनवरी 2023 में एक बार फिर करीब 4% तक डीए बढ़ने के आसार है।
संभावना है कि जनवरी 2023 में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनर्स की महंगाई राहत 3 से 4 फीसद की बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38 फीसदी है, जो 2023 में 41 या 42 फीसदी हो सकता है।इससे न्यूनतम बेसिक सैलरी पर कुल 720 रुपए प्रति महीने और अधिकतम सैलरी में 2276 रुपए प्रति महीना बढ़ने के आसार है।इस बढ़ोतरी से 18000 सैलरी पाने वाले कर्मचारियों की सैलरी में करीब 8600 और 56000 वालों के 27000 तक बढ़ेगी। इसका लाभ 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारकों को मिलेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से साल में दो बार केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है। प्रत्येक छह महीने में महंगाई भत्ते में वृद्धि होती है और कितनी बढ़ोतरी होगी, यह AICPI इंडेक्स के आंकड़ों पर निर्भर करता है। जनवरी और जुलाई 2022 के महंगाई भत्ते का ऐलान किया जा चुका है, अब जनवरी 2023 में महंगाई भत्ते बढ़ेगा। इसकी घोषणा मार्च 2023 तक होगी, ऐसे में अगस्त और सितंबर के आंकड़ों को देखकर फिर से 4 प्रतिशत तक डीए बढ़ने की संभावना है, ऐसे में जनवरी में डीए बढ़कर 42 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
September AICPI Index 2022
श्रम ब्यूरो, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय से संबंधित कार्यालय द्वारा हर महीने औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन सम्पूर्ण देश में फैले हुए 88 महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रों के 317 बाजारों से एकत्रित खुदरा मूल्यों के आधार पर किया जाता है। सूचकांक का संकलन 88 औद्योगिक केंद्रों एवं अखिल भारत के लिए किया जाता है और आगामी महीने के अंतिम कार्यदिवस पर जारी किया जाता है।
- सितंबर, 2022 का अखिल भारत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिक) 1.1 अंक बढ़कर 131.3 (एक सौ इकत्तीस दशमलव तीन) अंकों के स्तर पर संकलित हुआ। सूचकांक में पिछले माह की तुलना में 0.84 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि एक वर्ष पूर्व इन्हीं दो महीनों के बीच 0.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
- सूचकांक में दर्ज वृद्धि में अधिकतम योगदान खाद्य एवं पेय समूह का रहा जिसने कुल बदलाव को 0.68 बिन्दु प्रतिशतता से प्रभावित किया। मदों में चावल, गेंहू आटा, भैंस का दूध, डेरी मिल्क, पोल्ट्री चिकन, गाजर, फूलगोबी, हरा धनिया, प्याज, आलू, टमाटर, वडा, इडली, डोसा इत्यादि सूचकांक को बढ़ाने में सहायक रहे। इसके विपरित मुख्यतः ताजी मछली, पाम ऑइल, सरसों का तेल, सूरज मुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, सेब, हींग, संतरा , लौकी आदि ने सूचकांक में दर्ज वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
- केंद्र-स्तर पर भावनगर के सूचकांक में अधिकतम 4.5 अंक की वृद्धि दर्ज की गई। अन्य 6 केंद्रों में 3 से 3.9 अंक 10 केंद्रों में 2 से 2.9 अंक, 24 केंद्रों में 1 से 1.9 अंक और 30 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक के बीच वृद्धि रही। इसके विपरीत छिन्दवाडा, अहमदाबाद और शिलॉन्ग प्रत्येक में अधिकतम 0.6 अंक की कमी रही| अन्य 8 केंद्रों में 0.1 से 0.9 अंक तक की कमी दर्ज की गई | शेष छ: केंद्रों का सूचकांक स्थिर रहा।
- सितंबर, 2022 के लिए मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 5.85 प्रतिशत तथा गत वर्ष के इसी माह के 4.40 प्रतिशत की तुलना में 6.49 प्रतिशत रहा। खाद्य-स्फीति दर पिछले माह के 6.46 प्रतिशत एवं एक वर्ष पूर्व इसी माह के 2.26 प्रतिशत की तुलना में 7.76 प्रतिशत रहा।