दरअसल, हाल ही में केन्द्र सरकार ने कर्मचारियोें के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद कुल डीए 38 फीसदी हो गया है, जिसका लाभ नवंबर की सैलरी से मिलना शुरू हो गया है। अगर फिटमेंट फैक्टर पर भी आने वाले दिनों में सहमति बनती है तो बेसिक सैलरी 18000 से बढ़कर 26000 हो जाएगी। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिसे सरकार को शेयर किया जाएगा। फिटमेंट फैक्टर में बदलाव होते ही कर्मचारियों के पूरी सैलरी पर इसका असर दिखेगा।
कर्मचारी-पेंशनर्स के DA में 4 फीसद की वृद्धि, आदेश जारी, खाते में 37000 तक बढ़ेगी राशि, एरियर्स का होगा भुगतान
आखिरी बार 2017 में एंट्री लेवल बेसिक पे 7000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रूपये की गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, सातवें वेतन आयोग के तहत मोदी सरकार द्वारा कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को एक बार फिर बढाया जा सकता है।वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) 2.57 गुना है और बेसिक सैलरी 18000 है। फिटमेंट फैक्टर को 3.68 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है, जिसके बाद मिनिमम बेसिक सैलरी 26000 हो जाएगी। अगर 3 गुणा इजाफे पर सहमति बनती है तो न्यूनतम सैलरी 21,000 होगी ।
क्यों उठ रही है मांग, कितनी बढ़ेगी सैलरी
फिटमेंट फैक्टर केन्द्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी तय करने का एक बड़ा पैमाना है। इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं, ऐसे में कर्मचारियों को मिलने वाली सैलरी में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल माना जाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी।