अगर ऐसा हुआ तो कर्मचारियों की न्यूनतम और अधिकतम सैलरी (Salary Hike) में बंपर उछाल देखने को मिलेगा। इसका लाभ करीब 53 लाख कर्मचारियों को होगा। हालांकि अभी सरकार की तरफ से इस मामले में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले भी खबर आई थी कि वर्ष 2022 के अंत तक सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है, हालांकि ऐसा हुआ नहीं, लेकिन अब एक बार फिर फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है।अगर सहमति बनती है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 8000 बढ़ने के बाद 18000 से 21000 या 26000 हो जाएगी।
3.68 तक बढ़ने की संंभावना
दरअसल, वर्तमान में कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 है और बेसिक सैलरी 18000 है। लंबे समय से केन्द्र के कर्मचारी फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की मांग कर रहे है कि डीए में वृद्धि के बाद भी बेसिक सैलरी में वृद्धि होना चाहिए क्योंकि सैलरी इसी आधार पर बढ़ती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केन्द्र की मोदी सरकार 2023 में आगामी चुनावों को देखते हुए कर्मचारियों की फिटमेंट फैक्टर पर फैसला ले सकती है। 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 3.00 या फिर 3.68 फीसदी तक किया जा सकता है।
2016 में बढ़ा था फिटमेंट फैक्टर
इससे पहले सरकार ने 2016 में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया था और इसी साल से 7th pay commission को भी लागू किया गया था, जिसके बाद कर्मचारियों बेसिक सैलरी 6000 से बढ़कर 18,000 हो गई थी। फिटमेंट फैक्टर का केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अहम रोल होता है 7वें वेतन आयोग में जो Pay matrix बने है वे Fitment factor पर बेस्ड हैं। फिटमेंट फैक्टर एक कॉमन वैल्यू होती है, जिसे कर्मचारियों की बेसिक पे से गुणा किया जाता है और इसी से उनकी सैलरी कैलकुलेट की जाती है।इससे वेतन में करीब ढाई गुना से अधिक की वृद्धि होती है।
उदाहरण के तौर पर, यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा।
3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।
3 गुना फिटमेंट फैक्टर होने पर कर्मचारियों की सैलरी 21000 X 3 = 63,000 रुपये होगी।
अगर किसी कर्मचारी को 15500 रुपये बतौर बेसिक पे मिल रहे हैं तो उसकी सैलरी 15,500*2.57 या फिर 39,835 रुपये होगी।