कर्मचारियों का अटका DA Arrear कब मिलेगा? कब आएंगे खाते में पैसे? जानें अपडेट

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 7th Pay Commission. मार्च का महीना शुरू हो गया है, लेकिन अबतक केंद्रीय कर्मचारियों ( Central Government employees Pensioners) के डीए एरियर पर फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि हाल ही में मोदी सरकार की तरफ से बयान जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि अभी कोई विचार नहीं, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि क्या अब कर्मचारियों को 18 महीने का बकाया डीए एरियर नहीं मिलेगा? क्या कर्मचारियों को एरियर के लिए और भी इंतजार करना होगा?  अबतक की मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चुनावी दौर के बाद इस पर विचार किया जा सकता है कि और विभाग के साथ  JCM की एक ज्वाइंट मीटिंग हो सकती है।हालांकि अभी तक इस पर कोई अपडेट या पुष्टि नहीं की गई है।

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, होली के आसपास केन्द्र की मोदी सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता या फिटमैंट फैक्टर बढ़ा सकती है, इसके बाद डीए एरियर पर भी विचार किया जा सकता है।  कर्मचारियों का जनवरी 2020 से लेकर जून 2021 तक का डीए एरियर बकाया है जो करीब 2 लाख तक बनता है।सुत्रों की मानें तो 18 महीने के बकाया डीए एरियर (18 Month DA Arrear) का भुगतान एक साथ किया जा सकता है।इस संबंध में  DoPT और वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के अधिकारियों के साथ जल्द एक JCM की ज्वाइंट मीटिंग हो सकती है, जिसमें इस पर फैसला लिया जा सकता है।वही सरकार कर्मचारियों के डीए (Dearness Allowance) का वन टाइम सेटलमेंट कर अकाउंट में करीब 18 महीने का एरियर (18 Months DA Arrear) एक साथ ट्रांसफर कर सकती है।

मोदी के पास पहुंचा मामला

यह पूरा मामला प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंच चुका है और कर्मचारी संगठनों ने भी अपने बात केन्द्र के सामने रख दी है। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्‍वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि काउंसिल ने केन्द्र सरकार के सामने मांग रखी है कि जब भी महंगाई भत्ते की बहाली की जाए तो वन टाइम सेटलमेंट (One Time Settlement)  कर दिया जाए, ताकी कर्मचारियों को राहत मिल सके। वही भारतीय पेंशनभोगी मंच ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर इस पूरे मामले में हस्तक्षेप कर जल्द निर्देश जारी करने की अपील की है।मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सरकार चुनावी आचार संहिता खत्म होने के बाद इस पर विचार करने के लिए काउंसिल के साथ बैठक कर सकती है।

करना पड़ सकता है इंतजार

बीते दिनों वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना हालातों को देखते हुए कर्मचारियों का DA रोका गया था, ताकी गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की जा सके।वही सरकारी मंत्रियों, सांसदों की सैलरी में भी कटौती की गई थी, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं की गई, पूरे साल डीए और उनकी सैलरी का भुगतान किया गया।वही सरकार की तरफ से भी कहा गया है कि अभी कोई विचार नहीं, ऐसे में साफ है कि कर्मचारियों को बकाया डीए एरियर (DA Arrear Payment) के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है।हालांकि महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर मोदी सरकार द्वारा कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जा सकती है।

डीए एरियर किसका कितना बनेगा

  1. अलग-अलग लेवल के कर्मचारी के लिए अलग-अलग का भुगतान होगा।अगर 18 महीने का पेंडिंग डीए का एक साथ भुगतान किया गया तो कई सरकारी कर्मचारियों के अकाउंट में 2 लाख रुपये से भी ज्यादा मिल सकते हैं।
  2. मान लीजिए किसी कर्मचारी का मूल वेतन 18,000 रुपये है, उसे 3 महीने के हिसाब से बकाया डीए एरियर (4,320+3,240+4,320) = 11,880 रुपये मिल सकता है। इसमे अन्य भत्ते जुड़े तो राशि और भी बढ़ जाएगी।
  3. लेवल-1 के कर्मचारियों का बकाया डीए 12 हजार से 37 हजार के बीच बनेगा हैं, वहीं लेवल 14 के कर्मचारियों का बकाया डीए 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए होगा। कर्मचारी का मूल वेतन 56,000 रुपये है उसे 3 महीने का (13,656 + 10,242 + 13,656) = 37,554 रुपये का डीए एरियर मिलेगा।
  4. लेवल-1 के कर्मचारियों का DA एरियर 11,880 रुपये से लेकर 37,554 रुपये बनेगा।लेवल-13 (7th CPC बेसिक पे-स्केल 1,23,100 रुपये से 2,15,900 रुपये) मिलेगा।इससे करीब 1 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।इसमें 48 लाख कर्मचारी और 68 लाख पेंशनर्स शामिल है।इसमें अन्य भत्ते शामिल होंगे तो सैलरी में अंतर आएगा।

(यह आंकड़े एक उदाहरण के तौर पर दर्शाए गए है, इसमें बदलाव हो सकता है।)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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