साल 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिला था। सातवें वेतन आयोग को इसी वर्ष लागू किया गया था। वही सातवें वेतन आयोग के लोग करने के साथ ही न्यूनतम वेतन में भी बढ़ोतरी की गई थी। न्यूनतम सैलरी बढ़ाने के साथ ही फिटमेंट फैक्टर को लागू किया गया था। वर्तमान में कर्मचारियों को मिलने वाले अंतिम वेतन के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.57 है जबकि कर्मचारी संघ की मांग है कि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 किया जाना चाहिए।
हालांकि सरकार की कोशिश है कि फिटमेंट फैक्टर को 3 गुना तक ही बढ़ाया जाए। 2017 से इसकी मांग की जा रही है। यदि ऐसा होता है तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18000 से बढ़कर 26000 हो जाएगी। वहीं इससे पहले 2016 में कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी को ₹6000 से बढ़ाकर ₹18000 किया गया था। फिलहाल सरकार द्वारा फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि के साथ ही न्यूनतम बेसिक सैलरी को बढ़ाने पर किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन बढ़ती कर्मचारी संघ की मांग को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी चुनाव से पहले सरकार वेतन आयोग का गठन कर सकती है।
फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ा सकती है
इसके साथ ही कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ा सकती है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों की कुल वेतन भत्ते, बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से तय किए जाते हैं। वहीं केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 3.68 गुना तक की वृद्धि देखी जा सकती है। कर्मचारियों की सैलरी में भक्तों के अलावा महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ते, एचआरए सहित बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर को शामिल किया जाता है।साथ ही सभी तरह के वेतन और सैलरी फाइनल होने के बाद पीएफ-Gratuity की राशि को भी वेतन माना जाता है। पीएफ फॉर ग्रेच्युटी में बेसिक सैलरी और डीए के आधार पर कंट्रीब्यूशन तय किया जाता है। इन सारे भत्ते और कटौती के बाद कर्मचारियों की सीटीसी तैयार होती है।
8वें वेतन आयोग को लेकर भी चर्चा तेज
इधर 8वें वेतन आयोग को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। कर्मचारियों पर मोदी सरकार जल्दी मेहरबान हो सकती है। माना जा रहा है कि जल्द ही नहीं वेतन आयोग का गठन किया जा सकता है। इसकी घोषणा की जा सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा होगा। वही इससे पहले बजट सत्र में 8वें वेतन आयोग के सवाल पर सरकार ने स्पष्ट किया था कि फिलहाल वेतन आयोग के गठन पर कोई जानकारी नहीं है।
सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार अपना इरादा बना रही है। कर्मचारियों की लगातार मांग के बाद अगले वेतन आयोग का तोहफा उन्हें जल्द ही दिया जा सकता है। बता दें कि 2024 में आम चुनाव होने हैं। नए वेतन आयोग के गठन के साथ ही कर्मचारियों को साधने की कोशिश में सरकार न्यूनतम बेसिक सैलरी में इजाफा कर सकती है।
बेसिक सैलरी में 44.44% की वृद्धि का भी पूर्वानुमान
सूत्रों के मुताबिक नए वेतन आयोग में क्या आएगा और क्या नहीं। यह कहना जल्दबाजी होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी कमीशन के अध्यक्ष पर निर्भर होगी। वहीं साल 2024 में नए पे कमीशन के अध्यक्ष का भी ऐलान किया जा सकता है। कमेटी के गठन के साथ ही सैलरी के फार्मूले तैयार करने के बाद इसे 2026 तक लागू करने की तैयारी की जा सकती है।
समीक्षकों के मुताबिक 8 वीं वेतन आयोग का गठन साल 2024 में हो जाना चाहिए। वही डेढ़ साल के अंदर इसे लागू करने की भी तैयारी की जा सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो कर्मचारियों की सैलरी में इसे जबरदस्त उछाल आएगा। इसके साथ ही नए वेतन आयोग में कई महत्वपूर्ण बदलाव भी संभव हो सकते हैं। 10 साल में वेतन आयोग का गठन किया जाता है। वही इससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 44.44% की वृद्धि का भी पूर्वानुमान जताया गया है।