नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra MOdi) द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) लगातार दूसरी दिन घोषणाएं कर रही है। वित्त मंत्री के मुताबिक, आज प्रवासी मजदूरों, छोटे किसानों, स्ट्रीट वेंडर्स (रेहड़ी वाले) के लिए 9 बड़े ऐलान किए जा रहे हैं। इनमें 3 घोषणाएं प्रवासी श्रमिकों के लिए है और 2 छोटे किसानों के लिए। इसके अलावा मुद्रा के भीतर शिशु ऋण, स्ट्रीट वेंडर्स, और आदिवासियों के लिए एक-एक ऐलान है। इससे पहले बुधवार को निर्मला सीतारमण ने MSME सेक्टर के लिए बड़े ऐलान किए थे
किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपये का लोन की मदद। इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले 3 महीने में 86600 करोड़ रुपए के कर्ज बांटे गए, 25 लाख नए किसान कार्ड दिए गए है। साथ ही किसानों को 31 मई तक कर्ज के ब्याज पर छूट दी गई है। कृषि क्षेत्र के लिए 86,600 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है। अपने राज्यों को लौटे प्रवासियों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपए से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है।
वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा। हर राज्य में यह लागू होगा। प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है। राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ रुपये की मदद की गई। वित्त मंत्री ने बताया कि शहरी गरीबों के लिए भोजन और आवास मुहैया करवाया जा रहा है।शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में केंद्र सरकार के पैसे से तीन टाइम का खाना दिया जा रहा है।
मजदूरों के लिए: गांव वापस लौटने वाले मजदूरों के लिए मनरेगा में रोजाना मिलने वाले रकम को बढ़ाकर 202 रुपए रोजाना कर दिया गया। इसके लिए 10000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया ताकि वापस गए मजदूरों को काम मिल सके। वित्त मंत्री ने कहा 13 मई तक 14।62 करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं। 14।62 करोड़ कार्य दिवस का काम 13 मई 2020 तक उपलब्ध कराया गया है, 10 हजार करोड़ का खर्च हुआ है, काम जो ऑफर किया गया वो 2।33 करोड़, पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत अधिक लोगों को काम दिया गया।
सभी वर्कर्स को न्यूनतम मजदूरी का अधिकार देने की तैयारी
न्यूनतम मजदूरी का अधिकार सभी मजदूरों को देने की तैयारी है।इसी तरह न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है। सभी मजदूरों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना है। ये सब अभी पाइपलाइन में है। संसद में इन पर विचार हो रहा है।
किसानों को लिए यह ख़ास: 3 करोड़ किसानों को कृषि ऋण में अगले 3 महीने तक मिलेगी छूट। 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड सेंक्शन हुए, इनकी लोन लिमिट 25 हजार रुपये। पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। किसानों की फसल खरीद के लिए 6700 करोड़ रुपये, नाबार्ड में सहकारी बैंक ऑफ ग्रामीण बैंकों की मदद के लिए 28,500 करोड़ रुपये मार्च 2020 में दिए।
गरीबों के लिए क्या: जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा। इसमें 3500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इस कारगर बनाया जाएगा। राज्यों के पास ही इन मजदूरों की जानकारी है। अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी।