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Sun, Dec 21, 2025

आधार कार्ड बनवाने के नियमों में बदलाव, अब पासपोर्ट और पैन के डाटा का उपयोग करेगा UIDAI

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
आधार कार्ड देशभर में विशिष्ट पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर काम करता है। पिछले कुछ सालों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे इसे बनवाने की संख्या बढ़ रही है। इसे देखते हुए अब UIDAI ने नए नियम लागू किए हैं।
आधार कार्ड बनवाने के नियमों में बदलाव, अब पासपोर्ट और पैन के डाटा का उपयोग करेगा UIDAI

आधार कार्ड (Aadhaar card) एक ऐसा दस्तावेज है जो पिछले कुछ सालों से हर नागरिक की पहचान का एक जरूरी हिस्सा बन गया है। छोटे से लेकर बड़ा हर काम आधार कार्ड के जरिए ही होता है। अब इसे लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार द्वारा पहले भी स्पष्ट किया गया है कि आधार कार्ड केवल पहचान प्रमाण पत्र है भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है। हालांकि, इसे अब ज्यादा प्रमाणिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

UIDAI अब आधार बनवाने के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि केवल सत्यापित और वास्तविक लोगों को भी सरकार द्वारा यह पहचान संख्या दी जा सके। चलिए जान लेते हैं कि आधार बनवाने के नियमों में क्या अपडेट हो रहा है जिसके बाद इसे बनाना थोड़ा मुश्किल होने वाला है।

आधार बनवाने के नियम

अब वयस्कों के आधार बनवाने के लिए नियम पहले से ज्यादा सख्त होने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आधार कार्ड को राशन कार्ड, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट जैसे दस्तावेजों जोड़कर सत्यापन किया जाएगा। इससे फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार बनवाने की संभावना कम होगी।

दस्तावेजों की होगी जांच

यह भी बताया जा रहा है कि UIDAI ने एक टूल विकसित किया है जिसके जरिए पैन, मनरेगा, ड्राइविंग लाइसेंस और बिजली के बिल जैसे दस्तावेजों की भी जांच पड़ताल की जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आधार रजिस्ट्रेशन के दौरान सभी दस्तावेजों की दोहरी जांच इसी के जरिए की जाएगी।

अवैध आधारों पर लगेगी रोक

आपको बता दें देश में 140 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड है। इनमें मृत व्यक्तियों के आधार भी शामिल है। इसे बनवाने की प्रक्रिया सरल होने की वजह से अवैध प्रवासी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इसे बनवा रहे थे और फिर इसके जरिए अन्य डॉक्यूमेंट भी हासिल कर रहे थे। अब नियमों के कड़े होने के बाद फर्जी दस्तावेजों के साथ इसे बनाना मुश्किल होगा। राज्य सरकारों को भी इस बात के जिम्मेदारी दी गई है कि जांच पड़ताल के बाद ही इसे जारी किया जाए।