अमेरिका द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। संजय सिंह ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की योजना बना रहे हैं और मोदी सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार संसद में साफ करे कि वह देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए क्या रणनीति अपना रही है। उन्होंने ट्रंप और मोदी की दोस्ती को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि “ट्रंप भारत के साथ नहीं बल्कि पाकिस्तान से प्यार की बात कर रहे हैं, लेकिन मोदी जी की मोहब्बत खत्म नहीं हो रही।”
ट्रंप के टैरिफ से भारत को खतरा
संजय सिंह ने कहा कि अमेरिका भारत पर जबरन 25% आयात शुल्क लगाकर व्यापारिक दबाव बना रहा है, जबकि रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भी अमेरिका भारत को रोक रहा है। उन्होंने कहा कि- “रूस ने हमेशा भारत का साथ दिया है, लेकिन अब ट्रंप भारत को धमका रहे हैं कि वह रूस से तेल न खरीदे। क्या अब भारत को अपनी नीति तय करने का अधिकार भी नहीं?” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को चाहिए कि वह अमेरिका की बातों में न आए और रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखे, क्योंकि यही भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे फायदेमंद है।
मोदी-ट्रंप की दोस्ती में अर्थव्यवस्था फंसी
AAP नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने देश की आर्थिक नीतियों को अडानी जैसे पूंजीपतियों के हित में गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ट्रंप की धमकियों के आगे इसलिए झुकती है क्योंकि “शायद मोदी जी के किसी मित्र का मामला अमेरिका में अटका हुआ है।” “प्रधानमंत्री ट्रंप से दोस्ती निभाने में लगे हैं, और ट्रंप पाकिस्तान से प्यार जताने में।” उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को “मरी हुई” बताना अपमानजनक है और इसका सरकार को जवाब देना चाहिए, लेकिन अफसोस कि सरकार मौन साधे हुए है।
शेयर बाजार में गिरावट, निवेशकों को नुकसान
संजय सिंह ने शेयर बाजार की गिरावट को भी मोदी सरकार की गलत विदेश नीति और निवेशकों के साथ विश्वासघात करार दिया। उन्होंने कहा कि- “सेंसेक्स में 800 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इससे निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये डूब गए। क्या सरकार बताएगी कि उनकी नीतियों की वजह से जनता की गाढ़ी कमाई क्यों स्वाहा हो रही है?” उन्होंने मांग की कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री दोनों को संसद में आकर अमेरिका के टैरिफ और विदेशी दबाव पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।
बताएं अर्थव्यवस्था बचाने की योजना क्या है?
संजय सिंह ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब केंद्र सरकार देश के नागरिकों के सामने खुलकर यह बताए कि भारत की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उसकी रणनीति क्या है? क्या सरकार केवल “विकास” और “विश्वगुरु” के नारों से जनता को गुमराह करती रहेगी? उन्होंने कहा कि-“अगर सरकार चुप रही तो दुनिया भर के निवेशक भारत से भरोसा उठाएंगे। हमें अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए विदेश नीति तय करनी होगी।”
जल परियोजनाओं पर भी साधा निशाना
संजय सिंह ने केंद्र की जल परियोजनाओं पर भी तंज कसते हुए कहा कि “जिन योजनाओं का अभी उद्घाटन भी नहीं हुआ है, उनके टूटने की खबरें आ रही हैं। क्या सरकार बताएगी कि इनका निर्माण कितने समय में पूरा होगा? क्या यह केवल इवेंट मैनेजमेंट तक ही सीमित रह जाएंगी?” संजय सिंह के इस हमले के बाद यह साफ हो गया है कि AAP मोदी सरकार की विदेश नीति और आर्थिक दिशा को लेकर पूरी तरह आक्रामक मुद्रा में है। अब सवाल है कि क्या केंद्र सरकार इस पर संसद या जनता के सामने कोई स्पष्टीकरण देगी या फिर विपक्ष के आरोपों को नजरअंदाज कर देगी?





