Aditya-L1 Launch Date: सूर्य मिशन की लॉचिंग डेट को लेकर बड़ी खुशखबरी आई सामने, ISRO ने दी ये जानकारी
इसरो ने अपने "Aditya L1" मिशन की लॉन्चिंग की तारीख की घोषणा कर दी है। जिसके लिए करीब 378 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
Aditya-L1 Launch Date : चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद एक नया मिशन की चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी घोषणा की गई है। साथ ही, उन्होंने वैज्ञानिकों को उनके सफल प्रयासों के लिए बधाईंया भी दी है। पीएम मोदी की घोषणा के बाद इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने भी सूर्य की स्टडी के मिशन के बारे में जानकारी साझा की। जिसकी आज लॉचिंग डेट का ऐलान कर दिया गया है। आइए जानें विस्तार से यहां…
ISRO ने दी ये जानकारी
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बता दें कि इस मिशन का नाम आदित्य एल-1 (Aditya-L1) रखा गया है। इसरो ने अपने “Aditya L1” मिशन की लॉन्चिंग की तारीख की घोषणा कर दी है। जिसके अनुसार, “Aditya L1” मिशन की लॉन्चिंग 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे होगी। यह मिशन श्रीहरिकोटा से शुरू होगा, जहां सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने की तैयारी अंतिम चरण में है। जिसके लिए LMVM-3 रॉकेट का उपयोग किया जाएगा।
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
— ISRO (@isro) August 28, 2023
करीब 378 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सूर्य की स्टडी को आदित्य-L1 लैगरेंज पॉइंट पर तैनात किया जाएगा जो कि धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। लैगरेंज पॉइंट एक ऐसी जगह होती है, जहां ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता। “आदित्य-L1” मिशन में सूर्य की स्टडी के लिए 7 अलग-अलग उपकरण लगाए गए हैं। जिसके लिए करीब 378 करोड़ रुपये खर्च होगी। दरअसल, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराने के बाद अपने अगले मिशन की तरफ कदम बढ़ाया है और यह मिशन सूर्य के अध्ययन को समर्पित है। चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद सूर्य अध्ययन करने वाला भारत पूरी दुनिया में चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका, रूस और यूरोपीय स्पेस एजेंसी सूर्य की स्टडी कर चुकी है।
सूर्य मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के तापमान, ओजोन परत पर पड़ने वाले असर, पैराबैगनी किरणों का अध्ययन करना है। यह मिशन विशेष रूप से लैग्रेंज प्वाइंट L-1 पर पहुंचकर सूर्य के प्रत्येक पहलू की गहराई में जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगा जो कि धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह मिशन मौसम पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के साथ-साथ धरती पर सौर गतिविधियों के पड़ने वाले प्रभावों को भी जानने का प्रयास करेगा। इसके अलावा, यह सूर्य की विभिन्न परतों की भी अध्ययन करेगा।