Chinmay Krishna Das: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में एक घटना सामने आई है, जिसमें शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हिंदू समुदाय के लोगों पर कट्टरपंथी तत्वों ने हमला किया। यह घटना उस वक्त हुई जब चिन्मय दास को गिरफ्तार किया गया, आपको बता दें, चिन्मय दास ने हिंदू अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की आवाज उठाई थी।
प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के साथ ही कट्टरपंथी तत्वों ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और बुरी तरह से हिंसा की। इस दौरान पुलिस ने भी लाठी चार्ज किया, जिससे कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके चलते प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह तो सिर्फ अपने अधिकारों की शांतिपूर्वक मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया गया है। आपको बता दें, इस घटना के बाद देखते ही देखते बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा और धार्मिक भेदभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन चुका है।
68 रिटायर्ड जजों, IPS, IAS ने लिखा PM मोदी को पत्र
भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद, अब भारत के 68 रिटायर्ड जजों, आईएएस आईपीएस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में इन अधिकारियों ने पीएम मोदी से बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पाल वैद ने अपने X हैंडल पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा है, कि 68 रिटायर्ड जजों, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य अधिकारियों ने एक सांसद के साथ मिलकर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर तत्काल कार्रवाई की अपील की है। इस पत्र में इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की झूठी आरोपी से गिरफ्तारी की भी कड़ी निंदा की गई है।
कांग्रेस ने जताई गहरी चिंता
‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के सामने आ रहे असुरक्षा के माहौल पर गहरी चिंता व्यक्त करती है। इस्कॉन संत की गिरफ्तारी इसका ताजा उदाहरण है।
‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ को उम्मीद है कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार पर आवश्यक कदम उठाने और… pic.twitter.com/AqwTk7slvT
— Congress (@INCIndia) November 27, 2024
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट के जरिए बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। पार्टी ने इस्कॉन संत की गिरफ्तारी को इसका ताजा उदाहरण बताया और कहां की यह बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न को दर्शाता है। इतना ही नहीं कांग्रेस में भारत सरकार से अपील की है, कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालकर वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
चिन्मय कृष्ण दास की क्यों हुई गिरफ्तारी?
बांग्लादेश के चटगांव में 25 अक्टूबर को न्यू मार्केट चौराहे पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने के मामले में चिन्मय कृष्ण दास और 18 अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया। इसके चलते 30 अक्टूबर की रात को कोतवाली थाने में इन सभी पर देशद्रोह के तहत मामला दर्ज किया गया है, इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ रहा है।