32 साल के शख्स ने मरने के बाद 5 लोगों को दिया नया जीवन, परिवार ने किया अंगदान

Organ donation : किसी की मृत्यु उसके प्रियजनों के लिए बड़ा आघात होती है। ये इतना बड़ा दुख होता है जिससे उबरने में कई बार सालों लग जाते हैं। लेकिन ऐसे कठिन समय में भी कई लोग ऐसा उदाहरण प्रस्तुत कर देते हैं, जो मिसाल बन जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ पुणे के एक परिवार में। यहां एक व्यक्ति की मृत्य के बाद उसके घरवालों ने अंगदान का फैसला लिया, और इस तरह से पांच अलग अलग लोगों को नया जीवन मिला।

32 साल का एक युवक ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उसके परिवार में माता पिता और एक छोटी बहन है। उस शख्स को इंट्रावेंट्रिकुलर रक्तस्त्राव हुआ और फिर डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर ने उसके परिवार से बात की और उनकी काउंसलिंग की। उन्हें बताया गया कि एक व्यक्ति पांच लोगों को जीवनदान दे सकता है। इस बात को समझते हुए परिवार ने सामूहिक रूप से अंगदान की सहमति दे दी।

डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मुताबिक इस व्यक्ति का ह्रदय, फेफड़े, लीवर, अग्नाशय और गुर्दे अलग अलग व्यक्तियों को दान दिए गए। अलग अलग अस्पतालों में जरुरतमंद मरीज़ों को ये अंग दिए जा रहे हैं। दिल को तय समय में मुंबई पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया और सिर्फ डेढ़ घंटे में मुंबई के अस्पताल पहुंचा दिया गया। पुणे के डॉ डी वाई पाटिल विद्यापीठ सोसाइटी के ट्रस्टी और कोषाध्यक्ष डॉ यशराज पाटिल ने इस परिवार का आभार जताया है और कहा है कि इस कारण जो जिंदगियां बची है उनके परिवारों को भी एक नया जीवन मिला है। बता दें कि अंग दान में एक व्यक्ति से एक अंग या ऊतक को सर्जिकली निकालकर किसी दूसरे जरुरतमंद व्यक्ति के शरीर में लगाया जाता है। अभी भी हमारे देश में अंगदान को लेकर बहुत जागरुकता नहीं है लेकिन ऐसे कई जरुरतमंद लोग हैं जिन्हें ऑर्गन डोनेशन की जरुरत है। इसीलिए लगातार कई संस्थाएं, अस्पताल, डॉक्टर्स और समाजसेवी लोगों से अंगदान करने की अपील करते हैं। ये बहुत ही नेक काम है जिसके बाद हम मरने के बाद भी कुछ लोगों को जीवन दे सकते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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