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Sun, Dec 21, 2025

पलानीस्वामी ने डीएमके से जुड़े अस्पतालों में किडनी तस्करी का लगाया आरोप, तमिलनाडु में हड़कंप

Written by:Mini Pandey
Published:
पलानीस्वामी ने कहा कि मनाचनल्लूर डीएमके विधायक कथिरवन से इन अस्पतालों का संबंध है और डीएमके सरकार ने स्वयं एक आधिकारिक बयान में इस मुद्दे को स्वीकार किया है।
पलानीस्वामी ने डीएमके से जुड़े अस्पतालों में किडनी तस्करी का लगाया आरोप, तमिलनाडु में हड़कंप

एआईएडीएमके महासचिव और विपक्षी नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के अस्पतालों में किडनी तस्करी का सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि यह अवैध अंग व्यापार सत्तारूढ़ डीएमके नेताओं से जुड़ा है। पलानीस्वामी ने विशेष रूप से पेरंबलूर के धनलक्ष्मी श्रीनिवासन अस्पताल और त्रिची के सिथार अस्पताल का नाम लिया जहां यह गैरकानूनी गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मनाचनल्लूर डीएमके विधायक कथिरवन से इन अस्पतालों का संबंध है और डीएमके सरकार ने स्वयं एक आधिकारिक बयान में इस मुद्दे को स्वीकार किया है।

पलानीस्वामी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “आपने उन पर भरोसा किया और वोट दिया और अब शरीर के अंग चुराए जा रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे, डीएमके सरकार का बयान खुद कहता है कि डीएमके नेताओं से जुड़े अस्पतालों में किडनी तस्करी हो रही है।” इन आरोपों के बाद राज्य सरकार ने दोनों अस्पतालों में किडनी प्रत्यारोपण की अनुमति को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में प्रारंभिक जांच के बाद की गई है।

संगठित अंग तस्करी रैकेट

एआईएडीएमके प्रवक्ता कोवई सत्थियन ने भी डीएमके नेताओं के शामिल होने का दावा करते हुए एक संगठित अंग तस्करी रैकेट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “गरीब लोगों की किडनी चुराने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी पूरी ताकत लगाकर इस मामले की उचित जांच से बच रहा है और अपराधी अभी भी फरार है।” इस बीच, तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमण्यम ने पुष्टि की कि दोनों नामित अस्पतालों में यह अपराध हुआ और मामले की प्रकृति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “चोरी और रैकेट अलग-अलग हैं। चोरी बिना किसी की जानकारी के होती है, लेकिन यह व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया, जो गैरकानूनी है।”

दो सप्ताह में सौंपेगी रिपोर्ट 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारी डॉ. विनीत के नेतृत्व में एक टीम इस मामले की जांच कर रही है और दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। दोनों अस्पतालों का किडनी प्रत्यारोपण लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। पलानीस्वामी पर निशाना साधते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, “ईपीएस के कार्यकाल में सैकड़ों ऐसी घटनाएं हुईं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वे इस मामले पर बोलने के लायक नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार ने राजनीतिक संबंधों की परवाह किए बिना कार्रवाई की, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।