महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी महायुति गठबंधन का हिस्सा बनी हुई है। उन्होंने गठबंधन में आपसी सम्मान और महाराष्ट्र के प्रगति के प्रति समर्पण को इसका कारण बताया। नागपुर में आयोजित NCP के चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र में उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया। पवार ने कहा कि उन्होंने अपने चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी से अलग होने का फैसला राज्य में स्थिरता और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए लिया था।
पवार ने कहा कि चिंतन शिविर का उद्देश्य आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ी के लिए योजना बनाना है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के दौरान चर्चा और विचार-विमर्श के बाद नागपुर घोषणापत्र के रूप में एक मसौदा तैयार और प्रकाशित किया जाएगा। पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने परिवार और निजी रिश्तों में तनाव के बावजूद सत्ता या पद के लिए नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की स्थिरता और प्रगति के लिए यह कदम उठाया।
धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में बनाई पहचान
अजित पवार ने कहा कि NCP ने धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाई है और यह महाराष्ट्र के लोगों की पार्टी है, जिसका दायित्व सभी की सेवा करना है। पवार ने NCP मंत्रियों और संरक्षक मंत्रियों को कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की चेतावनी भी दी। उन्होंने पार्टी से जनसंवाद सत्र जारी रखने और लोगों की शिकायतों को सुनने व कार्यों में देरी न करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जताया आभार
पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया, जिनके नेतृत्व में देश को स्थिरता मिली है और उन्होंने हमेशा महाराष्ट्र के विकास के लिए उनके अनुरोधों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन में NCP की उपस्थिति आपसी सम्मान और राज्य के प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के कारण बनी हुई है।





